SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ज्यों था त्यों ठहराया भक्ति से क्या खाक कुछ होगा? लेकिन किसी की दृष्टि में जीवन भर गऊ सेवा यह अच्छा कार्य है। कैसे-कैसे लोग हैं। किस बात को अच्छा कहते हो इस दुनिया में ऐसी कोई बात नहीं, जिसको कहीं न कहीं अच्छा न माना जाता हो - और उसी बात को कहीं न कहीं बुरा न मान जाता हो। अब जैसे जैन रात्रि को भोजन नहीं करते। वह महापाप है और मुसलमान जब ये उपवास करते हैं, तो रात्रि को भोजन करते हैं। वह महापुण्य है। दिन भर भोजन न करेंगे। दिन भर उपवास - रोजा रात भोजन करेंगे। तब रोजा तोड़ा जाता है, तब उपवास तोड़ा जाता है और जैनों के लिए महापापा रात्रि भोजन महापाप सूरज डूबा कि बात खतम फिर भोजन नहीं कर सकते। ; -- किसको अच्छा कहते हो? क्या कसौटी है? अब तक कोई मानवीय कसौटी तुम्हारे सामने है ? कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जी भर कर मार, क्योंकि आत्मा न मरती है, न मारी जा सकती है तू कहां भागा जा रहा है? अर्जुन पर लगता है- जैन शास्त्रों का प्रभाव पड़ गया था ! उस समय जैनों के बड़े तीर्थंकर नेमिनाथ मौजूद थे--उस काल में। वे कृष्ण के चचेरे भाई थे। लगता है नेमिनाथ की छाया पड़ गई अर्जुन पर भी अर्जुन बड़ी ज्ञान की बातें बोलने लगा। उसने कहा, मैं जाता हूं। क्या करना मार कर इन सबको ? क्या मिलेगा इतने लोगों को मार कर ? और थोड़े लोग नहीं मरे अगर हम उनके हिसाब को मान कर चलें, तो कोई सवा अरब लोग मरे। हालांकि इतने लोग मर नहीं सकते। यह बात झूठ है। सवा अरब आदमी उस समय सारी दुनिया में नहीं थे। बुद्ध के समय में भारत की कुल आबादी दो करोड़ थी। तो कृष्ण के समय में तो एक करोड़ से ज्यादा नहीं हो सकती-पूरी आबादी । और जरा सोचो भीः कुरुक्षेत्र के मैदान में कितने आदमी खड़े कर सकते हो? फुटबाल या हाकी का मैच करना हो, तो मुश्किल पड़ जाए, कि अगर एक लाख आदमी देखने इकट्ठे हो जाएं, तो मुसीबत हो जाए वहां एक अरब नहीं, सवा अरब आदमी मारे गए। जहां सवा अरब आदमी मारे गए हों, वहां कम से कम दस अरब आदमी लड़े होंगे नहीं तो मारेगा कौन! कि उन्होंने खुद ही छाती में छुरा मार लिया और मर गए? आखिर हाथी घोड़ों को भी खड़ा करने की जगह चाहिए जहां सवा अरब आदमी मरे हों, वहां कितने रथ और कितने हाथी और कितने घोड़े रहे होंगे। ये कुरुक्षेत्र में बनेंगे? पूरा भारत भी अगर युद्ध क्षेत्र बन जाए तो ।... अभी भी भारत की आबादी कुल सतर करोड़ है। एक अरब होगी इस सदी के पूरे होते-होते । यह पूरे भारत को अगर हम युद्ध का मैदान बना लें, तो शायद सवा अरब आदमियों को मारा जा सके। तब भी बड़ी भीड़भाड़ हो जाएगी। -- Page 73 of 255 मगर अगर मान लो कि सवा अरब आदमी मारे गए, तो अर्जुन ठीक ही कह रहा है कि इतने आदमी मारना और राज्य के लिए, पद-प्रतिष्ठा के लिए!... चार दिन की चांदनी फिर http://www.oshoworld.com
SR No.009965
Book TitleJyo tha Tyo Thaharaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages255
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy