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________________ विभक्ति प्रथमा (Nominative) द्वितीया (Accusative) तृतीया (Instrumental) पंचमी (Ablative) षष्ठी (Genitive) सप्तमी (Locative) संबोधन (Vocative) (जैनॉलॉजी-परिचय (१) पान - २६ ते ३२ येथे घेणे) (९) व्याकरण पाठ आकारान्त स्त्री. 'माला' शब्द एकवचन माला (एक माला) मालं (माला को) मालाए (माला ने) मालाए, मालाओ (माला से) मालाए (माला का) मालाए (माला में) माला, माले (हे माला !) अनेकवचन माला, मालाओ (अनेक मालाएँ) माला, मालाओ (मालाओं को) मालाहि, मालाहिं (मालाओं ने) मालाहिंतो (मालाओं से) मालाण, मालाणं (मालाओं का) मालासु, मालासुं (मालाओं में) माला, मालाओ (हे मालाओं !) इसी तरह साला, बाला, पूजा, देवया, गंगा, कन्ना इ. आकारांत स्त्रीलिंगी शब्द लिखिए । (१) प्रथमा विभक्ति : (Nominative) कर्ताकारक १) गंगा सव्वनईसु सेट्ठा । गंगा सब नदियों में श्रेष्ठ है । २) कन्नाओ पाढसालं गच्छंति । कन्याएँ पाठशाला जाती हैं । (२) द्वितीया विभक्ति : (Accusative) कर्मकारक १) मालायारो मालं गुंफइ । माली (मालाकार) माला गूंथता है । २) विविहजणा विविहाओ देवयाओ वंदंति । विविध लोग विविध देवताओं को वंदन करते हैं । (३) तृतीया विभक्ति : (Instrumental) करणकारक १) सा मालाए सिवं पूएइ । वह माला से शिव की पूजा करती है ।
SR No.009953
Book TitleJainology Parichaya 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2010
Total Pages41
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size275 KB
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