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________________ शीर्षक सूची 3३५ शीर्षक सूची पृष्ठ शीर्षक सूची पृष्ठ सर्वश्रेष्ठ तपस्या ३७९ प्रिय वाणीका महात्म्य ४०२ स्वर्गका साधन ३८० दुर्वचन द्वषोत्पादक ४०४ समाजव्यवस्था रखनेवाला तत्व, राजाका द्वेष्य बनना अकर्तव्य ४०७ देवोंकी कृपा बरसानेवाला तत्व ३८१ मधुर भाषणका प्रभाव ४०९ सबसे बड़ा पाप कुकर्मीका पश्चाताप, गुरुओंकी भावना समझनेका सत्पुरुषका खभाव __ प्रयत्न करो, दुर्जनतासे बचो ३८६ गौरवहीन लोग, स्त्रियोंका भूषण ४११ धूर्तीकी मित्रहीनता, वैध जीविका शत्रकी भी अनाश्य ४१२ दरिद्रताके कष्ट जीवनोद्योगोंकी शत्रुसे रक्षा ४१४ सच्चा वीर, क्षुद्र के भरोसे बलवान्से मत मानवचरित्रका आभरण ३९० बिगाडो, देहकी विशालता मनुष्यमात्रका भूषण, जयका साधन नहीं आयत्वकी पहचान, आचार पालनके लाभ निर्बल मनसे बलके काम नहीं अवक्तव्य किये जाते, बढों का गुणी व्यक्तित्वके पीछे न चलकर होना अनिवार्य नहीं ४१६ सत्यके पीछे चलो ३९३ दुष्प्रकृतिवाले सारवान नहीं बनते, दुर्जनोंका साझा हानिकारक, सन्तान मातापिताके समान ४१७ सभाग्यशाली नीचोंसे बुद्धि शिक्षादीक्षाके अनुसार, संबन्ध अकर्तव्य आचार कुलके अनुसार ४१८ ऋण, शत्रु तथा व्याधिके संबंध में ऊंचेसे ऊंचे विद्यालय कुलाचारसे गंभीर कतव्य, सम्पन्न ऊंचा आचरण नहीं सिखा जीवनका माहात्म्य ३९७ सकते, अध्रुव महान् के लिये याचकोंका अपमान अकर्तव्य ३९८ ध्रुव अल्पको मत त्यागो ४१९ नीच प्रभुका स्वभाव ३९९ दुःख मनुष्यकी स्वेच्छास्वीकृत । अकृतज्ञ सर्वदा दुःखी व्याधि ४०० वृद्धि या विनाश सुवाणी जीवनका ऊंचा मापदंड मनुष्य के कुवाणीपर निभेर, सुखका विनाशक, विष तथा अमृतका भंडार १०१ रात्रिभ्रमण अकर्तव्य ४२१
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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