SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 459
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४३२ चाणक्यसूत्राणि है । जो तपोवन समाज-कल्याणरूपी कर्तव्य से हीन होते हैं वे तपोवन कहानेवाल स्थान भी स्वच्छाचारी पतित जीवनकी लीलाभूमि होते हैं । चाणक्य के स्त्री-सम्बन्धी अग्रिमसूत्र अपराधी, आक्रान्त, पीडित, मनाथ, स्थानच्युत स्त्रियोंसे प्रसंग पडनेवाले गजकर्मचारियोंकी भोग-लोलुपताके संबन्धमें सावधान वाणीके रूपमें लिखे जा रहे हैं। मन्तगामी विचार ज कर सकनेवाला मनुष्य-समुदाय स्त्रो-सुखसे माबद्ध रहता है । राज्यशक्ति हाथमें भाजानेपर इस सूखेच्छाके उच्छृखल, उच्छास्र, उन्मर्याद हो जानेकी पूरी संभावना रहती है। इसीलिये ऊपरवाले सूत्रोंमें इन्द्रियनिग्रह की महिमा गाई जा चुकी है। उसीके पश्चात् इन्द्रियाधीन होने के प्रसंगोंसे रोकने के लिये अगले सूत्रों को माना पड रहा है। सांसारिक सुख इच्छामाग्रसे प्राप्त नहीं होते । घे इच्छा होनेपर भी दुर्लभ तथा संकटपूर्ण होते हैं। मनुष्यका सच्चा इन्द्रिय-सुख इन्द्रिय-संयममें ही छिपा रहता है, असंयममें नहीं। मनुष्य इन्द्रियसुखको भी इन्द्रिय-निग्रहसे ही प्राप्त कर सकता है, भोग-लोलुपतासे नहीं। अज्ञान-विजय ही ज्ञानानंद है। लोलुप लोग संयत ऐहिक सुखोंसे वंचित होजाते हैं। पाठान्तर-- तत्सार इन्द्रियनिग्रहः । __ जीविका चलाने या जीवन धारण करनेका सार अर्थात् महत्व इन्द्रिय. निग्रह ही है। यौवनं धनसंपत्तिः प्रभुत्वमविवेकिता । एकैकमप्यनर्थाय किमु यत्र चतुष्टयम् ॥ यौवन, एश्वर्य, प्रभुत्व और अविवेक इन चारों में से एक भी किसीके पास हो तो वही महा अनर्थ कर डालता है । जिसके पास संयोगसे चारों इकट्र हो जाएँ तो उसके विनाश भोर असफल हो जानेमें कोई सन्देह नहीं है। अविवेक सर्वावस्थामें अनर्थकारी है। अविवेकीका यौवन, धन या प्रभुता उसकी दुष्प्रवृत्तियोंको ही साधन बनती है । इन सब दृष्टियों को ध्यान में रखकर इन भग्रिम सूत्रोंका अभिप्राय समझना चाहिये । इन्हें स्त्री. निन्दाके रूप में लेना अभिप्राय विरुद्ध होगा।
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy