SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 239
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अंक ४] महावार निर्वाणने समय-विचार २०७ निर्वाण शिथा. हवे चंद्रगुतना राज्यारोहण पहलानुं २१८ मुं वर्ष ते चंद्रगुप्त र जाना राज्यारोहण विषं जैनो तरफथी नीये ( ३२६+२१८) ई. स. पूर्वन ५४४ मुं वर्ष थाय, पमाणेनी हकीकत मळे छे.-जे वर्षमां नवमो नंद एटले के बुद्ध निर्वाणनुं वर्ष पण उपर जणाव्या प्रमाणे, ( शकटालनो स्वामी ) मृत्यु पाम्यो अने चंद्रगुप्त गादी. ई. स. पूर्वेनुं ५४४ मुंज थयु. अने सीलोन, बर्मा अने ए बठो ते ज वर्षमां स्थूलभद्राचार्य काल को हतो.' आ सीआमनी दंतकथाओ प्रमाणे पण बुद्धनिर्वाण- ए ज बनाव महावीरना निर्वाण पछी २१९ वर्षे बन्यो हतो. वर्ष आवे छे, जे जाणी आपणने सानुकूळ आश्चर्य थशे. हवे जो एम मानिए के महावीर चंद्रगुप्तना तख्तनशीन जैन कालगणना(Jainas Chropology ) थया पहेला २१९ वर्षे निर्वाण पाम्या, तो पछी महावी डॉ० होनल सरस्वती गच्छनी पट्टावलीनी १८ मी रना निर्वाण पछी ५३ क ६० वर्ष पछी बुद्ध निर्वाण ... गाथाना आधार विक्रम सर्वत्नी शरुआत माटे ४७० पाम्या, एम मानवं योग्य गणाव नहिं कारण के तेओ पछी बीजां १६ वर्ष वधारे ले छे. गाथानो अर्थ अथवा बंने समकालीन हता अने तेथी तेमनु मृत्यु पण थोडा ज तो भावार्थ एवो छे के-विक्रम सोळ वर्षनी उमर सुधी अंतरे थयुं होय एम मानवु सकारण छे. निर्ग्रन्थ ज्ञातपुत्र ( महावीर ) ज्यारे पावामां निर्वाण खमा अने चंद्रगुप्तनी राज्यारोहणनी तारीखमा परस्पर काई वि. पाम्या त्यार बुद्ध जीवता हता एवा भावार्थ वाळो उल्लख रोष नथी. नन्दना सैन्य सामेथी अॅकझेंडानो पाछा फरवानो अने पंजाबमा मेसेडोनियन लष्करनी हयातीनो पण चंद्रगुप्ते लाभ जे अगुत्तर निकायमाथी मळी आवे छ त पूर्ण मानवा लीधा. पंजाबना लोकोए चंद्रगुप्तने मगधनु राज्य मेळववामा योग्य छे.' अने जे पुरावाओना विषयमा अत्रे ऊहापोह मदत करी हता. अने ते एवा इरादायी करी हशे के मगधनु महान् कर्यो छे, तेमाथी पण एज निकळा आवे छे, के महावीर सैन्य पर्छ तमना सतंत्र बवाना आसाने पुरी करे; एट के चं चद्रगुप्तना राज्यारोहण पूर्व २१९ वर्षे निर्वाण पाम्या गुप्त परताना विजय थथा पछी ते सेन्यनो उपयोग तेमना माटे करे. अलेकझेन्डर काम नयामा हते। एटलामा ज पंजाबना सुअने बुद्ध २१८ वर्षे. आ प्रमाणे चंद्रगुप्त ३२० AM. बा फिलिप्पोसन रिदिओना हाथे खून थयु, अने आ काम चंद्रJ. (महावीर जिन पछी) ( चालु ) अने २१९ A.B. गुप्तनी उस्केरणीथी थयु होय तेभ लागे छे. सरखावी,मुद्राराक्षसनी ( = बुद्धदेव पछी ) ( चालु ) गादिये बेठो; अने बुद्ध, अंदर पर्वतकना मृत्युनी इकीकत. पर्वतक-परवओपिरवओ= फिलिप्पोस (मुद्राराक्षस विषयक म्हारो निबंध, IA, महावीरना पछी एक वर्षे निर्वाण पाम्या. जैनोनी का आक्टोबर, १९१३.) लगणन प्रमाणे चंद्रगुप्त ई. स. पूर्वे ३२६ या ३२५ ना या ३२५ नाJ. RA.S. (जर्नल ऑफ धी रॉयल अशियाटिक नव्हेंबर मासमां गादिए बेठो." से सायटि) 1909, 2. बुद्धदेवना निर्माणनी तारीख उपर तक्षशीलानो इतिहास एक *जैन ग्रंथो प्रमाण आ कथन बिल्कुल बंधवमतुं नथी. रीने अभक प्रकारनं। प्रकाश पाडे छे. ज्यारे बुद्ध उपदेश आपता संपादक जं. सा.सं. हतावारे तक्षशिला ए एक स्वतंत्र संस्थाननी राजधान. हती, १ तपगच्छनी पटावली I. A. ११-२५१ (इन्डियन एन्टी। ( BI, P. 28.) अओ हिन्दी विद्यार्नु एक महान् केन्द्र हतं. क्वेरी, पुस्तक ११. पृष्ठ २५१ ). अशोकना अभिषेकनुं वर्ष बु. नि० पछीनुं २१८ मुं गणी तेना , २ खरतगच्छनी पटावली. I. A.-११.२४६. उपरथी गणना करता बुद्धने उपदेश समय (११ वर्ष ) ई. स३ ओलडेनबुर्ग, Z D IG.३४,५४९. पूर्व ५२८ थी ४.३ सुधीमां आवी जाय छे. परन्तु तक्षशिला लग१ बरघर चोक्कस बोलिए तो बुद्ध महावीर पछी एक वर्ष अने भग ई. स. पूर्व ५०५ वर्ष ना अरसामा हिन्दु राजधानी तरीके रही भाठ दिवसे निर्वाण पाम्या कारण के महावीर कार्तिक वदी १५ महती. कारण के तेज वर्षे अथवा तो तनी आसपासमा जते हे. ने दिवसे निर्वाण पाग्या ( कल्पसूत्र, प्रकरण १२३ ) अने बुख रीअसता हाथमा चाली गई हती. बुद्ध ना छेल्ला वीस वर्षना अरकार्तिक शुदी ने दियसे । फलीट,.J RAS. 1909,zi सामां तक्षशिला जो पार्शि अनेना ताधे रही होत तो भाग्ये ज कोई ५ अलेकझेन्दर ज्यारे पंजाचमांथी पाछो फों (ई.स. पूर्व ३. तेने एक स्वतंत्र राजधानी तरीके अथवा ता एक महत्त्वनु स्थान २६ भऑक्टोधर ) त्यारे नन्दराजा राज्य करतो हतो. मा तारी. तरीके गली शकस . Aho I Shrutgyanam
SR No.009878
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 01 Ank 03 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1922
Total Pages252
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy