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________________ तोहफा यूनानका राजा सिकन्दर महान् जब भारत-विजयकी इच्छासे चला तो उसने अपने गुरु अरस्तू ( Aristotle ) से पूछा 'आपके लिए भारतसे क्या लाऊँ ?' अरस्तू बोले'मेरे लिए वहाँसे ऐसा गुरु लाना जो मुझे ब्रह्मज्ञान दे सके।' शान्ति एक सख्त गरम दिन एक शेर और एक रीछ किसी छोटे तालाबपर पानी पीने आये। पहले पानी कौन पिये इसपर दोनों जानकी बाजी लगाकर लड़ने लगे। साँस लेनेके लिए क्षणभर रुके तो देखा कि कुछ गिद्ध उनमेंसे किसीके मरनेपर खानेके इन्तजार में बैठे हैं । इस नजारेको देखकर उन्होंने लड़ना बन्द कर दिया । बोले-'गिद्धों और कौओंसे खाये जानेसे यह बहतर है कि हम दोस्त बन जायँ ।' मजनूँ किसीने मजनूँको इत्तिला दी कि 'अल्लाह मियां आपसे मिलने आये हैं।' मजनूं बोला-'उनसे कह दो कि लैला बनकर आना चाहे तो मिल सकते हैं, वर्ना मुझे फुर्सत नहीं है।' मौत एक बूढ़ा कमजोर लकड़हारा लकड़ियोंका एक भारी गट्ठा सिरपर लिये जा रहा था। कष्टसे दुखी होकर उसने वह गट्ठा सिरसे फेंक दिया सन्त-विनोद १२७
SR No.009848
Book TitleSant Vinod
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarayan Prasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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