SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अथ तृतीयं प्रकरणम् अथ बीजप्रश्नः बीजप्रश्नचक्रम् अ आ ऐ ओ ! ओ ऋ लुल । ए सं यः WWड । ढ ण त थ द र ल व श स ह क्ष Parw - . - - . प्रकारे विनयं विद्याधनप्राप्तिस्तथैव च । सिध्यन्ति सर्वकार्याणि पुत्रलाभस्तथा ध्रुवम् ॥ १॥ आकारे शोकसंतापो विरोषः सर्वजन्तुषु ।। आवर्तसंभवो व्याधिदु:खं चैव न संशयः ॥ २ ॥ जिस समय मनुष्य कोई शकुन कराने के निमित्त आवे तो उसके हस्त से पूगीफलादिक कोई शुभ द्रव्य इन अकारादिक वर्णों पर स्थापन करावे अर्थात् उससे कहे कि तुम इन कोठों में से किसी कोठे के अक्षर पर घरो-वह अपनी इच्छा से जिस वर्ण पर स्थापन करे तो अकारादिक के क्रम से उसका शुभाशुभ फल कहे। प्रश्नाक्षर जो षकार हो तो विजय, धन की प्राप्ति जानना सर्व कार्य की सिद्धि, पुत्र का लाभ निश्रय करके हो ॥१॥ http://www.Apnihindi.com
SR No.009846
Book TitleJyotish Prashna Falganana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayashankar Upadhyay
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1975
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy