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________________ ज्योतिषप्रश्नफलगणना यदि ४४ स्वल्पायासन कार्यसिद्धिःपश्चिमोत्तरतः ॥ १९ ॥ यदि ४५ कार्येषु महत्त्वम् अन्यहस्तगतं वर्तते ॥ २० ॥ यचंकमेलने ५१ तदा कार्यसिद्धिः सर्वत्र शुभम् ॥ २१ ॥ यदि ५२ वाम्छासिद्धिः ॥ २२ ॥ यदि ५३ तव कार्य गोप्यं कुर भाग्यदिवसाः समागताः सिद्धिः ॥ २३ ॥ यदि ५४ अस्मिन् कार्ये विरोधिनो दृश्यन्ते किंचित्कालं स्थित्वा कार्य कर कार्यसिद्धिः ॥ २४ ॥ यदि ५५ तव कायं शोभनं सर्वत्र सिद्धिः ॥ २५ ॥ जो ४४ हो तो कहना कि थोड़े परिश्रम से कार्य होगा, पश्चिम-उत्तर दिशा से ॥ १९॥ ___जो अंक ४५ हो तो कहना कि तुम्हारा कार्य बहुत बड़ा है, दूसरे के हाथ में है ॥ २० ॥ जो अंक मिलान करने से ५: हो तो कार्य की सिद्धि, सब जगह कल्याण कहना ॥ २१ ॥ जो अंक मिलाने से ५२ हो तो कहे कि तुम्हारा मनोरथ सिद्ध होगा ॥२२॥ जो अंक मिलाने से ५३ हो तो कहना कि तुम कार्य को गोपन करो, अर्थात् पाओ तुम्हारे भाग्य उदय के दिन आ गये, सब को सिद्धि होगी ॥ २३ ॥ जो संयोग करने से अंक ५४ हो तो कहना कि तुम्हारे कार्य में बहुत विरोधी देख पड़ते हैं, इससे कुछ काल ठहर के कार्य करो, कार्य की सिद्धि होगी।॥ २४ ॥ जो अंक संयोग करने पर ५५ हो तो कहना कि तुम्हारा कार्य बहुत अच्छा है, सब में सिद्धि होगी ॥ २५ ॥ http://www.Apnihindi.com
SR No.009846
Book TitleJyotish Prashna Falganana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayashankar Upadhyay
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1975
Total Pages53
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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