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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पर-१ (४४) नगोह नंदिरुक्खे पिप्परि सयरी पिलुक्खरुखे य काउंबरि कुत्युंभरि बोधव्या देवदात्तीय । 11१९||-16 (४५) तिलए लउए छत्तोह सिरीसे सतिवण दहियण्णे लोद्ध धव चंदणचुण नीमे कुहुए कयंबे य |२०|-17 (४६) जे वावण्णे तहपगारा, एएसि णं मूला वि असंखेजजीविया कंदा वि जाव फला बहुवीया, से तंबहुबीयगासेत्तं रुस्खा, सेकिंतं गुच्छा अणेगविहा पनत्ता [तं जहा]- १२३-३:23-3 (४७) वाइंगण सल्लइ बोंडईयतह कछुरीय जासुमणा रूची आदइ नीली तुलसी तह माउलिंगीय ||२१||-18 (४८) कुत्युंभरि पिप्पलिया अतसी विल्ली य कायमाई या चच्च पडोला कंदलि वाउच्चा वत्थले वदरे 1॥२२॥-19 (४९) पत्तउर सीयउरए हवति तहा जवसए य वोधब्बे निगुंडि अक्क तूवरि अट्टई चेव तलऊडा । ॥२३॥-20 (५०) सण वाण कास मद्दग अग्घाडग साम सिंदुवारे व करपद्द अदृड्सग करीर एरावण महित्थे ||२४||-21 (५१) जाउलग माल परिली गयमारिणि कुल कारिया मंडी जावइ केयइ तह गंज पाडला दासि अंकोल्ले ||२५||-22 (५२)जे पावणे तहप्पगारा० सेत्तं गुच्छा, से किंतं गुम्मा गुम्मा अणेगविहा ।२३-४1-23-4 (५३) सेणिरए नोपालिय कोरंटय बंधुजीवग मणोजे बीयय बाण कणइर कुञ्जय तह सिंदुवारे य 1॥२६||-23 (५४) जाई मोगर तह जूहिया य तह मल्लिया य वासंति वत्थुल कच्छुल सेवाल ऽगत्यि मगदंतिया वेव ॥२७||-24 (५५) चंपग-जातीनवणीइयाय कुंदो तहा महाजाई एवमणेगागारा हवंति गुप्मा पुणेयव्या ॥२८||-24-R (५६) से तं गुम्मा, से किंतं लयाओ लयाओ अणेगविहाओ पन्नताओ।२३-५1-23.5 (५७) पउमलता नागलता असोग-चंपयलताय चूतलता वणलय वासंतिलया अइमुत्तय-कुंद-सापलया ॥२९।।-25 (५८) जे यावण्णे तहपगारा० से तं लगाओ, से किं तं वल्लीओ वल्लीओ अणेगविहाओ पन्नत्ताओ तं जहा ।२३-६1-23-6 (५९) पूसफली कालिंगी तुंबी तउसी य एलवालुंकी घोसाडई पडोला पंचंगुलिया व नालीया ||३०|-26 (६०) कंगूया कडुइया कक्कोडइ कारियलई सुभगा कुवधाय वागली यापाववलि तह देवदारूय |३१||-27 (६१) अप्फोया अइमुतय-नागलया कण्ह-सूरवल्ली य संघट्ट सुमणसा वि यजासुवण कुविंदवल्ली य ११३२||-28 मुद्दिय अप्पा भल्ली धीरविराली जियंति गोवल्ली पाणी मासावल्ली गुंजावली य वच्छाणी ||३३-29 For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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