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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५ पप-१५, उद्देसो-२ कस्सइ नत्यि ति एवं न बुधति. वाणमंतर-जोइसिय-सोहम्मग जाव गेवेजगदेवते अतीताअनंता बद्धेल्यानत्य पुरेक्खडा कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्थिजस्सत्यि अट्ठ वा सोलस वा चउवीसावा जाव अनंता वा, एगमेगस्सणं मंते नेरइयस्स विजय-जाव-अपराजियदेवत्ते केवतिया दचिदिया अतीता गोयमा नत्यि केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइ अत्यि कस्सइ नत्थिजस्सस्थि अहया सोलस वा, सव्वद्वसिद्धगदेवते अतीतानत्यि बद्धेल्लगानस्थिपुरेक्खड़ा कस्सइ अस्थि कस्सइ नत्यिजस्सत्यिअट्ट, एवंजहा नेरइयदंडओनीओतहाअसुरकुमारेण विनेयचो जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणिएणं नवरं-जस्स सट्ठाणे जति बद्धेल्लगा तस्स तइ भाणियव्वा, एगमेगस्सणं भंतेमणूसस्स नेरयइत्ते केवतिया दव्दिया अतीता गोयमा अनंता केवतियाबद्धेल्लगा गोयमानस्थि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइअस्थि कस्सइनत्थि जस्सत्थि अट्ट वा सोलस वा चउवीसावा जाव अनंता वा एवं जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियत्ते नवरं-एगिदिय-विगलिंदि-एसु जस्स जत्तिया पुरेक्खडा तस्स तत्तिया भाणियव्या, एगमेगस्स णं भंते मणूसस्स मणूसत्ते केवतिया दबिंदिया अतीता गोयमा अनंता केवतियाबद्धल्लगा गोयमा अट्ठ केवतियापुरेक्खडा कस्सइअस्थि कस्सइनत्यि जस्सत्थि अट्ठ या जाच अनंता वा वाणमंतर-जोतिसिय जाव गेवेजगदेवत्ते जहा नेरइयत्ते, एगमेगस्स णं मंते मणूसस्स विजय-वेजयंत जयंत अपराजियदेवत्ते केवतिया दबिंदिया अतीता गोयमा कस्सइ अस्थि कस्सइनत्यि जस्सत्यि अट्ठ या सोलस वा केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्थि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइअत्यि कस्सइनस्थि जप्सत्थि अहया सोलस वा एगमेगस्स णं भंते मणूसस्स सव्वद्ध- सिद्धगदेवत्ते केवतिया दबिंदिया अतीता गोयमा कस्सइअत्यिकस्सइनस्थिजस्सत्यि अट्ठ केवतियाबद्धेल्लगागोयमानस्थि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइअत्यि कस्सइनत्यि जस्सत्यि अह वाणमंतर-जोतिसिए जहा नेरइए, सोहम्मगदेवे वि जहा नेरइए नवरं-सोहम्मगदेवस्स विजय-वेजयंत जयंत-अपराजियदेवत्ते केवतिया दबिंदिया अतीता गोयमा कस्सइअस्थि कस्सइनत्यि जस्सस्थि अट्ठ केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइअत्यि कस्सइनस्थि जस्सस्थि अट्ट वा सोलस वा सब्वट्ठसिद्धगदेवत्ते जहा नेरइयस्स एवं जाव गेवेज्जगदेवस्स सट्टसिद्धगदेवत्ते तार नेयव्वं, एगमेगस्स णं भंते विजय-जाव अपराजियदेवस्स नेरइयत्ते केवतिया दञ्चिदिया अतीता गोयमा अनंता केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतिया पुरेक्खडा गोयमा नत्यि एवं जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियत्ते मणूसत्ते अतीता अनंता बद्धलगा नत्यिपुरेखडाअट्टया सोलस वा चवीसा वा संखेज्जा वा वाणमंतर-जोतिसियत्ते जहा नेरइयते सोहम्मगदेयत्ते अतीता अनंता बद्धेल्लगा नत्थि पुरेक्खडा कस्सइअत्यि कस्सइनत्यि जस्सस्थि अट्ठ वा सोलस या चउवीसा वा संखेमा वा एवं जाव गेवेजगदेवत्ते विजय-जावअपराजियते अतीता कस्सइअस्थि कस्सइनत्थि जस्सस्थि अट्ठ केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा अट्ठ केवतियापुरेक्खडागोयमा कस्सइअत्यि कस्सइनत्यि जस्सत्थिअट्ठएगमेगस्सणं मंते विजय-जायअपराजियदेवस्स सव्वट्ठसिद्धगदेवत्ते केवतियाददिदिया अतीता गोयमा नत्थि केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतियापुरेक्खडा गोयमा कस्सइअस्थि कस्सइनधि जस्सत्यि अट्ट, एगमेगस्स णं मंते सवठ्ठसिद्धगदेवस्स नेरइयते केवतियादविदिया अतीता गोयमा अनंता केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतियापुरेक्खडा गोयमा नत्यि एवं मणूसवलं जाव गेवेज्जगदेवत्ते नवरंमणूसत्ते अतीता अनंता केवतियाबद्धेल्लगा गोयमा नत्यि केवतियापुरेक्खडा गोयमा अट्ट विजय-जाव For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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