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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पय- १५, उहेलो- १ १०९ पसट्टयाए असंखेचगुणे फासिंदिए पएसडयाएसंखेज्जगुणे सोइंदियस्स णं भंते केवतिया कक्खडगरूयगुणा पत्रत्ता गोयमा अनंता कक्खडगरुयगुणा पत्रत्ता एवं जाव फासिंदियस्स सोइंदियस्स णं भंते केवतिया मउयलहुयगुणा पत्रत्ता गोयमा अनंता मउयलहुयगुणा एवं जाव फार्सिदियस्स, एएसि णं भंते सोइंदियजाव फासिंदियाणं कक्खडगरुयगुणाणं मउयल हुयगुणाणं कक्खडगरुयगुणमउयलहुयगुणाण य कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा जाव वा विलेसाहिया वा गोयमा सव्वत्योवा चक्खिदियस्स कक्खडगरुयगुणा, सोइंदियस्स कक्खडगरुयगुणाअनंतगुणा, धाणिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा, जिब्भिदियस्स कक्खडगरुयगुणाअनंतगुणा, फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणाअनंतगुणा मउयल हुयगुणाणं सव्वत्योबा फासिंदियस्समउयलहुयगुणा, जिब्मिदियस्स मउबलहुयगुणा अनंतगुणा धाणिदियस्स मउवलहुयगुणाअनंतगुणा सोइंदियस्स मउयलहुयगुणाअनंतगुणा चक्खिदियस्स मउयल हुयगुणाअनंतगुणा कक्खडगरुयगुणाणं मउयल हुयगुणाण य - सव्वत्योचा चक्खिदियस्स कक्खडगरुयगुणा सोइंदियस्स लक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा घाणिदियस्स कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा जिब्मिदिवस कक्खडगरुयगुणा अनंतगुणा फासिंदिपस्स कक्खडगरुगुणा अनंतगुणा फासिंदियस्स कक्खडगरुयगुणेहिंतो तस्स चैव मउयल हुयगुणा अनंतगुणा जिब्भिदियस्स मउयलहुयगुणा अनंतगुणा एवं चेव धाणिंदिवस सोइंदियस्स अनंतगुणा चक्खिदियस्स मउयल हुयगुणावि अनंतगुणा ।१९२। 192 (४२३) नेरइयाणं भंते कति इंदिया पत्रत्ता गोयमा पंचेदिया पत्रत्ता तं जहा सोइंदिए जाय फासिंदिए नेरइयाणं भंते सोइंदिए किसंटिए पन्नत्ते गोयमा कलंबुयासंठाणसंठिए पत्रत्ते एवं जहा ओहियाणं वत्तब्वया भणिया तहेव नेरइयाणं पि जाव अप्पावहुवाणि दोष्णि वि नवरं-नेरइयाणं भंते फासिंदिए किसंठिए पत्रत्ते गोयमा दुविहे पनते तं जहा भवधारणिजे य उत्तरवेउच्चिए य तत्थ णं जेसे भवधारणिजे से णं हुंडठाणसंठिए पत्रत्ते तत्य णं जेसे उत्तरवेउब्विए से वि तहेब सेसं तं चेच, असुरकुमाराणं भंते कति इंदिया पन्नत्ता गोयमा पंचेदिया पन्नत्ता एवं जहा हियाणं जाव अप्पाबहुयाणि दोणि वि नवरं फासेंदिए दुविहे पन्नत्ते तं जहा भवधारणिजे य उत्तरवेउच्चिए प तत्य णं जेसे भवणदारणिजे से णं समचउरंससंठाणसंठिए पत्रत्ते तत्थ णं जेसे उत्तरवेउच्चिए से णं नाणासंठाणसंठिए पन्त्रत्ते सेसं तं चैव एवं जाव धणियकुमाराणं, पुढविकाइयाणं भंते कति इंदिया पन्नत्ता गोयमा एगे फासिंदिए० पुढविकाइयाणं भंते फार्सिदिए किंसंठिए पन्त्रत्ते गोयमा मसूरचंदसंठाणसंठिए० पुढविकाइयाणं भंते फार्सिदिए केवतियं दाहल्लेणं पत्ते गोयमा अंगुलस्स असंखेजइभागं० पुढचिकाइयाणं भंते फासिंदिए केवतिचं पोहत्तेणं पन्नत्ते गोयमा सरीरपमाणमेत्ते ० पुढविकाइयाणं भंते फासिंदिए कतिपएसिए पन्नत्ते गोयमा अनंतपएसिए पुढविकाइयाणं भंते फार्सिदिए कतिपएसोगाढे पत्ते गोयमा असंखेजपएसोगाढे, एतेसि णं भंते पुढविकाइयाणं फार्सिदियस्स ओगाहण-पएसट्ट्याए कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्थोवे पुढविकाइयाणं फार्सिदिए ओगाहणट्टयाए, से चैव पएसल्याए अनंतगुणे, पुढविकाइयाणं भंते फासिंदियस्स केवतिया कक्खडगरुयगुणा पन्नत्ता गोयमा अनंता एवं मउयलहुयगुणा वि एतेसि णं भंते पुढविकाइयाण फासेंदियस्स कक्खडगरुयगुण-मउयलहुयगुणाणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा० गोयमा सव्वत्योवा पुढविकाइयाणं फार्सेदियस्स कक्खडगरुयगुणा, तस्स चैव मउयल हुयगुणा अनंतगुणा एवं आउकूकाइयाणं वि जाव वणस्सइकाइयाणं नवरं संठाणे इमो For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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