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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भगवई - २५/-१७/९४७ सामाइय-छेदोवट्ठावणिय-परिहारविसुद्धिय-सुहुमसंपराय अहक्खायसंजयाणं जहष्णुक्कोसगाणं चरितपजदाणं कयो कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा गोयमा सामाइयसंजयस्स छेओवट्ठावणियसंजयस्स य एएसि णं जहण्णगा चरित्तपज्जवा दोण्ह वि तुला सव्वत्योवा परिहारविसुद्धियसंजयस्स जहण्णग चरितपब्रुवा अनंतगुणा तस्स चेव उक्कोसगा चरित्तपञ्जवा अनंतगुणा सामाइयसंजयस्स छेओवट्ठावणियसंजयस्स य एएसि णं उक्कोसगा चरित्तपजवा दोण्ह वि तुल्ला अनंतगुणा सुहमसंपरायसंजयस्स जहणगा चरित्तपजज्वा अनंतगुणा तस्स चेव उक्कोसमा चरित्तएजवा अनंतगुणा अहक्खयासंजयस्स अजहण्णमुक्कोसगा चरित्तपञवा अनंतगुणा, सामाइयसंजए णं भंते पुच्छा. गोयमा सजोगी जहा पुलाए एवं जाव सुहमसंपरायसंजए अहक्खाए जहा सिणाए सामाइयसंजए णं भंते किं सागारोवउत्ते होजा अणागारोवउत्ते होना गोयमा सागरोवउत्ते जहा पुलाए एवं जाव अहक्खाए नवरं-सुहमसंपराए सागासेवउत्ते होजा नो अणागारोवउत्ते होना सामाइयसंजए णं भंते कि सकसाची होजा अकसायी होना गोयमा सकसायी होजा नो अकसायी होजा जहा कसायकुसीले एवं छेदोवद्यावणिए वि परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए सुहमसंपरागसंजए-पुच्छा गोयमा सकसायी होजा नो अकसायी होजा जइ सकसार्या होजा से ण भंते कतिसु कसायेसु होजा गोयमा एगम्मि संजलणलोभे होजा अहक्खायसंजए जहा नियंठे सामाइयसंजए णं भंते किं सलेस्से होजा अलेस्से होज्जा गोयमा सलेस्से होज्जा जहा कसायक्सीले एवं छेदोवट्ठावणिए वि परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए सुहमसंपराए जहा नियंठे अहक्खाए जहा सिणाए नवरं-जइसलेस्से होजाएगाए सुक्कलेस्साए होजा ७९३792 (९४८) सामाइयसंजए णं भंते किं वड्ढमाणपरिणामे होज्जा हीयमाणपरिणामे अवडियपरिणामे गोयमा यड्ढमाणपरिणामे जहा पुलाए एवं जाव परिहारविसुद्धिए सुहमसंपराए-पुच्छा गोयमा वड्ढमाणपरिणामे वा होज्जा हीयमाणपरिणामे वा होज्जा नो अवट्ठियपरिणामे होना अहखाए जहा नियंठे सामाइयसंजए णं भंते केवइयं कातं बढमाणपरिणामे होजा गोयमा जहण्णेणं एककं समयं जहा पुलाए एवं जाव परिहारविसुद्धिए सुहमसंपरागसंजए णं भंते केवतियं कालं वड्ढमाणपरिणामे होना गोयमा जहण्जेणं एककं समयं उक्कोसेणं अंतोमहतं केवतियं कालं हीयमाणपरिणामे होज्जा एवं चेव अहक्खायसंजए णं भंते केवतियं कालं वड्ढमाणपपरिणामे होज्जा गोयमा जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वि अंतोमुहत्तं केवत्तियं कालं अवट्ठियपरिणामे होजा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं देसूणा पुबकोडी।७९४1793 (९४९) सामाइयसंजए णं भंते कइ कम्पप्पगडीओ बंधइ गोयमा सत्तविहबंधए वा अट्टविहबंधए वा एवं जहा बउसे एवं जाव परिहारविसुद्धिए सुहमसंपरागसंजए-पुच्छा गोयमा आउय-मोहणिज्जवजाओ छ कम्मप्पगडीओ बंधति अहक्खायसंजए जहा सिणाए सामाइयसंजए णं भंते कति कम्पप्पगडीओ वेदेति गोयमा नियमं अट्ठ कम्मप्पगडीओ वेदेति एवं जाव सुहमसंपराए अहखाए-पुच्छा गोयमा सत्तविहवेदए वा चउबिहवेदए वा सतवेदेमाणे मोहणिन वनाओ सत्त कम्पप्पगडीओ वेदेति चतार वेदेमाणे वेयणिजाउय-नामंगोयाओ चत्तारि कम्मप्पगडीओ वेदेति सामाइयसंजएणं भंते कति कम्मप्पगडीओ उदीरेति गोयपा सत्तविह उदीरए वा जहा वउसो एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहमसंपराए-पुछा गोयमा छबिहउदीरए वा पंचविहउदीरए वा छ उदीरेमाणे आउयदेवणिजवजाओ छ कप्पप्पगडीओ उदीरेइपंच उदीरमाणे For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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