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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पम सतं - असो-३२ अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पमाए दो पंकप्पमाए होजा एवं जाव अहका एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पपाए एगे वालुयप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाएएगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा एवं जाव अहेसतमाए अहवा एगेरवणप्पमाए दोसकरप्पमाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पमाए होजा एवंजाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पपाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रवणप्पमाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए दो धूमप्पभाए होना एवं जहा चउण्हं चउक्कसंजोगो भणिओ तहा पंचण्ह वि चउक्कसंजोगो भाणियव्यो नवरं-अमहियं एगो संचारेयब्यो एवं जाव अहवा दो पंकप्पभाए एगेधूमपमाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाएहोजा ___अहवा एगे रयणपभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पमाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगेतमाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पाभाए जाव एगे पंकप्पमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवाएगे रयणप्पपाए एगे सक्करप्पपाए एगे वालुयपभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होला अहवा एगे रयणप्पमाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पमाए एगे धूमप्यमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पमाए एगे वालुयप्पमाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होझा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पमाए एगे धूमपमाए एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पमाए एगेधूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवाएगे रयणप्पभाए एगे सक्करपमाए एगे पंकप्पमाए एगे तमाए एगे अहेसतमाए होजा अहवा एगे स्यणप्पमाए एगे सक्करप्यभाए एगे धूमप्पभाए एगे तपाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पमाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमपभाए एगे तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पमाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पपाए एगे वालुयप्पमाए एगे पंकप्पभाए एगे तपाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे स्यणप्पमा एगे बालुयपभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे रयणप्पमाए एगे पंकप्पमाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सकरप्फभाए एगे वालुयप्पभाए जाव एगे तमाए होना अहवा एगे सकरप्फमाए जाव एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसतमाए होजा अहवा एगे सक्करप्पभाएजाव एगे पंकप्पभाए एगे तमाए एगे आहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे सक्करप्पपाए एगे वालुयप्पमाए एगे धूमपमाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा अहवा एगेवालुयप्पभाए जाव एगेअहेसत्तमाए होजा छब्भंते नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा किं रयणपभाए होजापुच्छा, गंगेया रयणप्पभाए वा होज्जाजाव अहेसत्तमाए या होजाअहवा एगेरयणप्पभाएपंच सक्करप्पभाए होज्जा अहया एगे रयणपभाए पंच वालुयप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयणप्पमाएपंच अहेसत्तमाए होजा अहवा दो रयणपभाए चत्तारि सक्करप्पभाए होजा जाव अहवा दो रयणप्पमाए चत्तारि अहेसतपाए होजा अहवा तिण्णि रयणप्पमाएतिण्णि सक्करप्पभाए एवं, एएणं कमेणंजहापचण्हं यासंजोगो तहाछह विभाणियव्यो नवरं-एकको अब्मिहिओसंचारेयव्यो जाय अहवा पंचतपाए एगे अहेसत्तमाए होला अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पपाए चत्तारि वालुयषपाए होला S13 For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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