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________________ (६६) ( 251 ) ॥ॐनमः ॥ संवत १८१८ वर्षे माघमासे शुक्ल पक्ष । तिथी श्री पार्श्वनाथ जिन चरण कमले स्थापिते हुगली वास्तव्य ओशवंशे गांधी गोत्रे बुलाकीदास तत्पुत्र साह माणिक चन्देन श्रीराजगृहे रतनगिरी जीर्णोद्धार करापितं ॥ श्रीः ॥१॥ ( 252 ) ___ नमः ॥ संवत १८१८ वर्षे माघमासे ६ तिथी श्री वासु पुज्य जिन घरण कमल स्थापिते हुगली वास्तव्य ओश वंशे गांधी गोत्रे बुलाकीदास तत्पुत्र माणिकचंदेन श्री राजगृहे रतनगिरि पर्वते जीर्णोद्धारं करापितं । स्वपरयोः शुभम् ॥ श्रीः॥ उदयगिरि। (253 ) ॥ॐ नमः ॥ संवत १८२३ वर्षे वैशाष शुक्ल पक्ष ६ तियो श्री अभिनन्दन जिन चरण फमले स्थापिते हुगली वास्तव्य ओश वंशे गांधी गोत्रे बुलाकीदास तत्पुत्र साह माणिक चन्देन उदयगिरी जीर्णोद्धार करापितं ॥ J( 254 ) ॥ ॐनमः ॥ संवत १८२३ वर्षे वैशाष शुक्ल पक्ष ६तिथौ श्री सुमति जिन चरण कमले स्थापिते हुगली वास्तव्य ओश वंशे गांधी गोत्रे बुलाकीदास तत्पुत्र माणिकचन्देन उदय गिरी जीर्णोद्धार करापित ॥ (255) ॐनमः । संवत १८२३ वर्षे वैशाष मासे शुक्ल पक्ष षष्टी तिथौ श्री पार्श्वनाथ जिन चरण कमल स्थापिते ॥ हुगली वास्तव्य ओश वंशे गांधीगोत्रे बुलाकीदास तत्पुत्र साह माणिकचन्देन श्री राजगहे उदयगिरि राजे जीर्णोद्धारं करापितं ॥ स्वपरयो कल्याण हेतवे ॥ श्रोः॥
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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