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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - नारकी के जीवन नरक-आयुष्य और देव-आयुष्य नहीं बाँध सकते हैं। वे या तो मनुष्यगति का आयुष्य अथवा तिर्यंच गति का आयुष्यकर्म बाँध सकते है। चेतन, मनुष्य कैसा-कैसा पुरुषार्थ कर, किस-किस गति का आयुष्य कर्म बाँधता है, यह तत्त्वज्ञान तुझे संक्षेप में बताता हूँ। बंधइ निरयाऽऽउ महारंभ-परिग्गहरओ रूद्धो।। जो मनुष्य महा आरंभ करता है, यानी जिस कार्य में अति जीव हिंसा होती है, उसको महारंभ कहते हैं। महारंभ में रत होता है, मन वचन काया से महारंभवाले कार्यों में लीन रहता है और परिग्रह की तीव्र लालसा होती है: 'मैं लाखों-करोड़ों रुपये कमा लूँ, एक रुपया भी किसी को दूँ नहीं... धन-दौलत के ऊपर तीव्र आसक्ति होती है वे मनुष्य नरक गति का आयुष्य कर्म बाँधते है और वे नरकगति में उत्पन्न होते हैं। चेतन, मनुष्य ने एक बार देवगति का अथवा मनुष्यगति का आयुष्य कर्म बाँध लिया हो, बाद में वह महारंभी, महा परिग्रही बन जाता है, हिंसक विचार का बन जाता है, पाप विचारवाला, पाप प्रवृत्तिवाला हो जाता है, फिर भी वह नरक-गति का आयुष्य कर्म नहीं बाँधेगा! जीवात्मा अपने जीवन में एक बार ही आयुष्य कर्म बाँधता है। बँधे हुए आयुष्य-कर्म में परिवर्तन भी नहीं हो सकता है। सद्गति का आयुष्य बाँधा है तो वह सद्गति में ही जाएगा। जो पाप कर्म उसने बाँधे हों, वे कर्म दूसरे जन्म में उदय में नहीं आएँगे तो तीसरे जन्म में... दसवें जन्म में भी उदय में आएँगे। कर्म अपना फल तो बताएँगे ही। तिरिआउ गूढ़ हिअओ सढो स सल्लो। जो मनुष्य गूढ़ हृदयवाला होता है यानी अपने हृदय के भावों को छुपा कर रखता है, दूसरों को अपने भावों से अज्ञात रखता है, जो शठ होता है, धूर्त होता है, दूसरों के साथ ठगाई करता रहता है, दूसरों को अपनी जाल में फँसाता रहता है, और जो "माया-शल्य" सहित होता है, जिस की प्रकृति ही मायावी होती है, ऐसे लोग तिर्यंच (पशु-पक्षी) गति का आयुष्य कर्म बाँधते हैं। तिर्यंचगति में जानेवाले मनुष्यों की "आहारसंज्ञा" भी प्रबल होती है। दिन-रात १५५ For Private And Personal Use Only
SR No.009640
Book TitleSamadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2004
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size1 MB
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