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________________ सर्व दुःखों से मुक्ति सर्व दुःखों से मुक्ति दादाश्री : ऐसी कोई जरूरत नहीं। हमारा बड़ोदा में घर है। वहाँ हमारी बैठने की रूम १० x १२ की है। हम ठेकेदारी का धंधा करते है, बहुत बड़ा धंधा करते है लेकिन हमारे यहाँ सोफासेट भी नहीं है। कहाँ से लाये वो? वो सच्चे पैसे से नहीं होता है। हमारी कम्पनी बहुत कमाती है लेकिन घर में हम छहसो-सातसो रूपये ही देते है। हमारे पास एक बड़े जज आये थे। उनकी पत्नी उसको क्या बोलती थी कि, 'तुम्हारे सब फ्रेन्ड सर्कल ने बंगला बाँध लिया है और हमको भाड़े के मकान में रहना पड़ता है। वो मेरे को पूछने लगा कि 'हमारी पत्नी ऐसा बोलती है, क्या करना चाहिये?' उसकी पत्नी बोलती है कि मकान क्यों नहीं बनाया? तो उसकी मरजी में क्या आता है? 'रिश्वत तो लेनी चाहिये' ऐसी belief बदलती है। उसके सभी फ्रेन्डस रिश्वत लेते थे मगर वो कभी रिश्वत नहीं लेता था। तो हमने बोल दिया, 'तुम्हारी belief नहीं बदलनी चाहिये। ये तो examination समझना चाहिये न? जिम्मेदारी क्या है, उसको मालूम नहीं है, ऐसी ही कितनी जिम्मेदारी लेता है। You are whole and sole responsible for yourself. God is not responsible for your life | दूसरा कोई आदमी, आपकी पत्नी, आपका लडका आपकी जिंदगी के लिए जिम्मेदार नहीं है। तो जो विचार करने है, वो अच्छे विचार करना। जो काम करने है, वो अच्छे काम करना, क्योंकि जिम्मेदारी आपकी है। फिर भगवान भी इसमें से छुड़ा नहीं सकते। ये जन्म तो मनुष्य का मिला है मगर ऐसे विचार करेगा तो दूसरा जन्म मनुष्य का आयेगा या नहीं भी आयेगा। ऐसा है, पूर्वजन्म के संस्कार अच्छे हो तो आज इसको तकलीफ नहीं होगी, रिश्वत नहीं लेगा। और अभी संस्कार बिगाड़ दिये तो अगले जन्म में सब परेशानी हो जायेगी। घर ऐसी कम्पनी है के उसमें सबका share (शेर) है, घर के सब मेम्बर (सदस्य) है, वो सब शेरहोल्डर है। ये सब बोलते है कि. 'हमको ये होना चाहिये, ये होना चाहिये।' मगर सबको ऐसा नहीं मिलेगा। क्योंकि सबका share है। कम्पनी एक ही है, मगर जितना जितना share है, उसको उतना ही मिलता है। ऐसे बात समझने की है। भगवान क्या बोलते है, जो रिश्वत लेता है मगर बोलता है, 'ऐसा नहीं करना चाहिये, ऐसा क्यों हो जाता है। तो भगवान उसको छोड देता है। और जो रिश्वत नहीं लेता और बोलता है, रिश्वत लेनी चाहिये, वो सच्चा गुनहगार है, वो पकड़ा जाता है। जो रिश्वत नहीं लेता लेकिन लेने का विचार किया वो causes है। फिर effect ऐसी आयेगी कि वो रिश्वत लेगा। जो रिश्वत लेता है मगर नहीं लेने का विचार है. ऐसे causes है, फिर effect में वो रिश्वत लेगा ही नहीं। सबने रिश्वत ली और मकान बाँध दिया और इसने रिश्वत नहीं ली। अभी वो सारी जिंदगी कितनी भी कोशिश करे तो भी वो नहीं ले सकेगा। मगर उसकी पत्नी ने क्या बोल दिया, 'तुम रिश्वत लेते नहीं, इसीलिए हमारा मकान नहीं है'। तब उसकी belief बदल जायेगी कि रिश्वत लेनी चाहिये। ये कितनी जोखिमदारी है। जोखिमदारी है, वो तो प्रश्नकर्ता : बराबर समझ में आ गया। अभी सिर्फ ये जानना चाहता हूँ कि हमको ये सब जो परेशानी है, उसको बर्दाश्त करने के वास्ते शक्ति प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिये? दादाश्री : वो तो हम कर देंगे। ऐसा पाँच हजार आदमीओं को कर दिया है, फिर कभी कोई परेशानी ही न हो ऐसा। प्रश्नकर्ता : फिर भी मुझे बर्दाश्त करने के लिए कुछ उपाय है? दादाश्री : हाँ, उपाय तो बहुत है। जितना रोग है न, उतने उसके उपाय होते है, remedy होती है। Remedy के बिना दुनिया
SR No.009601
Book TitleSarva Dukho Se Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Foundation
Publication Year2003
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size94 KB
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