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________________ सर्व दुःखों से मुक्ति १८ सर्व दुःखों से मुक्ति दादाश्री : परेशानी अच्छी नहीं लगती? प्रश्नकर्ता : परेशानी से तो आदमी को अक्कल आती है, नहीं तो अक्कल कभी नहीं आये। दादाश्री : हाँ, तो परेशानी आपके पास रखो। क्युं फेंक देते हो? आपको परेशानी पसंद है?! परेशानी मार्ग पर रहना या तो शांति मार्ग पर रहना। दो मार्ग है। शांति में परेशानी नहीं रहती। आपको कौन सा मार्ग पसंद है? प्रश्नकर्ता : वो जो तकलीफ है, वो सिर्फ मेरे लिए सीमित रहे, limited रहे तो ठीक है, लेकिन वो मेरे बाल-बच्चे को सबको परेशानी होती है, तो इसका ये तो मतलब नहीं कि कुदरत हम सबको ऊर्ध्वगति में ले जाना चाहती है? दादाश्री : हाँ, वो family ऊर्ध्वगति में जानेवाला है। ऊर्ध्वगति में जानेवाला को ये संसार में राग नहीं हो, ऐसी चीज मिलती है। उसको पसंद नहीं हो ऐसा होता है। अधोगति में जानेवाला को मोह ज्यादा बढ़ता है और ऊर्ध्वगति में जानेवाले का मोह तूट जाता है। जैसे जिसको अच्छा लड़का हो, अच्छी लड़की हो, वो भगवान का नाम भूल जाता प्रश्नकर्ता : हमको तो शांति मार्ग ही पसंद है। लेकिन इस समय परेशानी है। दादाश्री : हाँ, तो परेशानी का उपाय है। मगर फिर शांति मार्ग अपने हाथ में आ जाता है। शांति मार्ग और परेशानी मार्ग. दोनों का Mixture मत करना । Mixture करेगा तो आपको फायदा नहीं मिलेगा। प्रश्नकर्ता : एक ही मार्ग शांति का रखेगा। दादाश्री : वो ठीक बात है। प्रश्नकर्ता : मगर जो भलाई करता है, उसी पर ही ज्यादा परेशानीयाँ, ज्यादा दु:ख आता है। ऐसा क्यों? दादाश्री : जो भलाई करता है, उधर परेशानी का First preference है और जो चोर है, बदमाश है, उसके लिए परेशानी का preference नहीं है। कुदरत का काम कैसा है? कुदरत क्या बोलती है कि जो अधोगति में जानेवाला है, इसको help करो और जो ऊर्ध्वगति में जानेवाला है, उसको पकड़ाओ। चोर ने गुनाह किया है और अधोगति में जानेवाला है, इसलिए उसको कुदरत पकड़ा नहीं देती। Straight forward आदमी को कुदरत पकड़ा देती है। प्रश्नकर्ता : नहीं, ऐसा नहीं है। अच्छे लडके-लडकीवाले भगवान का नाम भी लेते है। दादाश्री : मगर इसमें मोह ज्यादा बढ़ता है। ये हमारा लडका ऐसा है. ये हमारी लडकी ऐसी है', ऐसा उसको मोह होता है। कुदरत का क्या नियम है कि जिसको ऊर्ध्वगति में ले जाने का है, उसको हेल्प करता है। प्रश्नकर्ता : वो कैसे? दादाश्री : राग न हो ऐसी चीज देता है कि जिससे ये संसार अच्छा नहीं है, ऐसी उसको belief हो जाती है। जिसको अधोगति में जाने का है, उसको तो ये संसार में इधर बहुत आनंद है कि मेरा लडका भी अच्छा है, ये मकान भी अच्छा है, पैसा भी बहुत है। __ प्रश्नकर्ता : हमारे साथ के जो लोग है, उनको नया धंधा है, उनको कमाई बहुत है, घर अच्छा है, सब मझे में है और हमारे पास अगर कोई आये, तो उनको देने के लिए बराबर सा आसन तक नहीं है, तो हमको शर्म महेसूस होती है।
SR No.009601
Book TitleSarva Dukho Se Mukti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Foundation
Publication Year2003
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size94 KB
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