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________________ कर्म का सिद्धांत ३३ causes अच्छा करना। Friend का उसकी औरत के साथ झगडा आपने देखा तो आप सोचते है कि, 'शादी करनी ही नहीं चाहिए।' तो अगले जन्म में आपकी शादी नहीं होगी। ऐसे causes नहीं करने का। जैसा देखा है, ऐसा causes नहीं करने का। जो अच्छा है, उसका causes करो। अच्छा causes कैसा होना चाहिए, उसकी तलाश करो। मेरे को ये भौतिक सुख चाहिए, तो क्या causes करने का ? उसके लिए हम causes बतायेगें कि ऐसे causes करना। मन-वचन काया से किसी भी जीव को मारना नहीं, दुःख नहीं देना। फिर आपको सुख ही मिलेगा। ऐसे causes करने चाहिए। तुम्हारी birth से death तक सब effect ही है। इसमें से causes हो रहे है अभी । प्रश्नकर्ता : यह rebirth का कोई end रहेता है क्या? दादाश्री : वो end तो होता है। causes बंध हो जाता है, फिर end हो जाता है। जहाँ तक causes चालु है, वहाँ तक end नहीं होता है। प्रश्नकर्ता: causes बंध हो जाना चाहिए ऐसे कहा तो अच्छे causes और बुरे causes, दोनो बंध होने चाहिए क्या? दादाश्री : दोनो बंध करने का। Causes होता है egoism से और effects से संसार चलता है। Egoism चला गया तो causes बंध हो जायेगें, तो संसार भी बंध हो जायेगा। फिर permanent सनातन सुख मिल जाता है। अभी जो सुख मिलता है, वो कल्पित सुख है, आरोपित सुख है और दुःख भी आरोपित है। सच्चा दुःख भी नहीं है, सच्चा सुख भी नहीं है। 'सूक्ष्म शरीर' क्या है? प्रश्नकर्ता : यह पुनर्जन्म सूक्ष्म शरीर लेता है क्या? स्थूल शरीर ३४ कर्म का सिद्धांत तो यहीं रह जाता है न? दादाश्री : हाँ, जो physical body है, वह इधर रह जाती है। और सूक्ष्म शरीर साथ में जाता है। जहाँ तक weakness नहीं गई, रागद्वेष नहीं गये, वहाँ तक पुनर्जन्म है। प्रश्नकर्ता: ये मन, बुद्धि, चित, अहंकार को ही सूक्ष्म शरीर बोलते है क्या? दादाश्री : नहीं, वो सूक्ष्म शरीर नहीं है। सूक्ष्म शरीर तो electrical body को बोलते है। मन, बुद्धि, चित, अहंकार - वो तो अंत:करण है। Electrical body हरेक देह में होती है, पेड़ में, पशु में, सब में होती है। जो खाना खाता है, उसका पाचन होता है, वे electrical body से ही होता है। मरते समय आत्मा के साथ causal body और electrical body जाती है। दूसरे जन्म में causal body वो ही effective body हो जाती है। प्रश्नकर्ता: causal body का कारण आत्मा ही है न? दादाश्री : नहीं, causal body का कारण अज्ञानता है। प्रश्नकर्ता : ये electrical body क्या है, वह फिर से जरा समझाईए। दादाश्री : ये खाना खाता है, वो electrical body से पचता है, उसका blood होता है, urine हो जाता है, ये separation उससे होता है, ये बाल होता है, नाखून होते है, ये सब electrical body से होता है। इसमें भगवान कुछ नहीं करता । ये electrical body जो पीछे मेरुदंड है, उसमें तीन नाडियाँ नीकलती है, इडा, पींगला और सुषुमणा। इसमें से electricity पूरे body में जाती है। ये गुस्सा भी उससे होता है। ये electrical body जीवमात्र common है। Electrical body कहाँ तक रहेती है? जहाँ तक
SR No.009588
Book TitleKarma Ka Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Foundation
Publication Year2003
Total Pages25
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Akram Vigyan
File Size274 KB
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