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________________ ४८५ विषयानुकमाणका । (२५) विषय. पृष्ठांक. विषय. पृष्ठांक. राजयक्ष्माके पूर्वरूप ४७७ अथ विमानस्थान राजयक्ष्माके रूप ४७८ १.रसविमान। ७. उन्मादनिदान । रसोंका वर्णन उन्मादके भेद ४७९ दोषोंका वर्णन ५०१ उन्मादरोगी पुरुष ४८० रसोंद्वारा दोषोंका चयापचय उन्माद के पूर्वरून द्रव्यप्रभावका वर्णन उन्मादकी पहिचान क्षारसेवनका निषेध ५०४ पित्तोन्मादके लक्षण ४८९ लवण सेवनका निषेध कफोन्मादके लक्षण सात्म्यके लक्षण साध्योंकी उपक्रमणविधि ४८३ आहारके आयतन ५०७ आगन्तुक उन्मादके लक्षण ४८४ प्रकृतिका वर्णन करणका वर्णन आगन्तुक उन्मादकी उत्पत्ति मिन्नमत , संयोगका वर्णन आगन्तुक उन्मादके पूर्वरूप राशिका वर्णन उन्मादोरमत्तिसे पूर्वचेष्टा देशका वर्णन उन्मादके रूप कालका वर्णन आपातकाल उपयोगका वर्णन भूतादिकृत उन्मत्तताके तीन प्रयोजन ४ उपयोका और मोकसात्म्यका वर्णन सायोंका वर्णन आहारविधि उन्मादका द्विविधत्व उष्णभोजनके गुण ८, अपस्मारनिदान । स्निग्ध भाननके गुण अपस्मारके भेद ४८९ मात्रावत् भोजनका गुण अपस्मारके योग्य पुरुप जीर्णभोजनमें भोजनके गुण अपस्मारके लक्षण वीर्याविरुद्ध भोजनके गुण अपस्मारके पूर्वरूप इष्टदेशमें भोजनका गुण वातज अपस्मारके लक्षण नातिद्रुत भोजनके गुण पित्तज अपस्मारके लक्षण नातिविलम्बित भोजनके गुण कफज अपस्मारके लक्षण मौनसे भोजनके गुण ४९२ सान्निपातिक अपस्मारके लक्षण आत्माको देखकर भोजनके गुण ५१३ रोगोंकी उत्पत्ति ४९३ २.त्रिविधकुक्षीय विमान । एकरोगसे अनेक रोगोंकी उत्तति त्रिविकुक्षीयका वर्णन ४९४ ५१४ रागोंके हेतुओं का वर्णन अमात्राके भेद दोषोंके कुपित होने का कारण रोगों में श्रमकारक लक्षण रोगोंकी शांतिका वर्णन पृथक् २ दोषांके उपद्रव कुरित वातादि दोपोंके उपद्रव वैद्यको उपदेश ४९७ आमदूषित होनेका कारण चिकित्साकी विधि ४९८ आमके विसूचिकादि भेद इति निदानस्थानकी विषयानुक्रमणिका। अलसका ल. ४९० ४९१ ५१७
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
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