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________________ · पृष्ठांक. ४५७ " ४५१ (४६४ (२४) . चरकसंहिताविषय. पृष्ठांक. विषय. कफके प्रकुपित होनेका कारण मज्जामेहीके लक्षण प्रकुपित कफसे गुल्मकी उत्पत्ति हस्तिमेहीका लक्षण निचयगुल्मका वर्णन ४४४ मधुमेहीके लक्षण ४५८ रक्तगुल्म त्रिदोपजन्य प्रमेहके पूर्वरूप रक्तगुल्मकी उत्पत्ति के कारण प्रमेहके उपद्रव गुल्ममें पूर्वरूप ४४५ साध्य प्रमेहोंकी चिकित्साविधि- १५९ गुल्ममें चिकित्सानिर्देश ४४६ ५. कुष्ठनिदान। ४. प्रमेहनिदान। कुष्ठोत्पत्तिका कारण ४६० प्रमेहॉकी संख्या ४४७ प्रमेहनिदान भेद कुष्ठभेद ४४९ दोषदृष्यका वर्णन सात प्रकारके कुष्ठ कुष्ठोंके भेद और उत्पचिके कारण ., प्रकुपि कफके कर्म कुष्ठका साधारण निदान ४६२ प्रमेहाक नाम कष्ठके पूर्वरूप कफप्रमेहका साध्यत्व • कपालके लक्षण । उदकमेहका लक्षण उदुम्बरकुष्ठ के ल. इक्षुमेहके लक्षण मण्डल कुष्ठके लक्षण सान्द्रमेह के लक्षण सान्द्रप्रसादमेहके लक्षण ऋष्पजिबकुष्ठके लक्षण शुक्लमेहके लक्षण पुण्डरीककुष्ठके लक्षण शुक्रमेहके ल. सिधमकुष्ठके लक्षण शीतमेहके ल. काकणक कुष्ठके लक्षण ४५३ सिकतामेहके ल. कुष्ठीका साध्यासाध्यत्व वर्णन शनमेंहके ल. उपेक्षितकुष्ठका फल आलालमेहके ल. प्रकुपित दोपोंके उपद्रव पित्तनमेहका ल. कुपित दोषांमें उपद्रव छः प्रमेहाके नाम ६. शोषनिदान। क्षारमेहीके ल. . शोषोंके आयतनोंकी संख्या ४६९ कालमेहीके ल. नीलमेहीके ल. साहसका वर्णन रक्तमेहीके लं० वायुके कम मंजिष्ठमेहीके ल. शोषमें उपदेश हरिद्रामेहीके ल. सन्धारणजन्य शोषका वर्णन वात प्रमेह होनेका कारण क्षयशोषका वर्णन ४७२ मज्जामेहका कारण यक्ष्मा होनेकी रीति ४७३ हस्तिमेहका कारण वीर्यकी रक्षामें उपदेश ४७४ मधुमेहका कारण विषमाशनका वर्णन ४७५. वातप्रमेहोंका असाध्यत्व ४५७ विषमाशनशोषमें कर्तव्यता वसामेहीके लक्षण राजयक्ष्मानामका कारण "। . " ४७६
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
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