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________________ ( १६ ). रेखा होय तो क्लेशकारी समजवी विषम रेखा होय तो खराब अन्न मलें. जेना हाथमा घणी रेखा ओ होय तो क्लेश, भांगेली होय तो धन हानी, तथा हाथमां चार अथवा पांच रेखा ओ होय तो सारी वधारे होय तो दरिद्रता देनारी समजवी. पद्मपत्रना समान सूक्ष्म पातळी, सम्पूर्ण स्निग्ध, लाल गंभीर, रेखा जेना हाथमां होय ते ने धन, तथा सोनानो लाभ मले. फांटावाली, छिन्नभिन्न विषम विवर्ण फुटेल टोली होय लुखी होय अत्यन्त पातली रेखा होय तो ते माणास निन्दापात्र थाय. जेना हाथमां छिद्रवाली रेखा होय तेना हाथमां धन न रहे तेने निच कर्मकरवाथी धन मले. अथवा बांकी रेखा होय तो धन न मले, पीली रेखा होय तो चोरीथी धन मले, फुटेली तथा काली रेखा होयतो जेल केद भोगवेलीली लुखी रखा होयतो शोक थाय. जेना हाथमां बरोबर बांकी न होय तो धन मले. जेना हाथमां उर्ध्वरेखा, पितृरेखा, मातृरखा, आयुरेखा आचार मुख्य रेखा ओ. विद्यारखा, पुत्ररेखा, भाग्यरेखा, यशरेखा, स्त्रीरेखा, वाहनरेखा. मित्ररेखा, मृत्युरेखा, राज्यरेखा, आ बधी साधारण रेखाओ समजवी, जेना हाथमा घणीरेखा ओ होय अथवा रेखा ओ न होय ते अल्पायुष्य तथा दरिद्र दुःखी रहे. आयुरेखा करभ ( कनिष्ठा आंगलिनापासे नो भाग ) थी नीकलीने जेटली आंगलिओ ने ओलंघे तेटला पचीस पचीस वर्षनुं आयुष्य जाणवु. तथा काल, हानी नी अपेक्षाथी आयुरेखा जेटली आंगलि ओने ओलंघी ने जाय, तेटला २० वर्ष जीवे तेम कोइक आचार्यनो मत छे. जेनी आयु रेखा तर्जनी आंगली सुधी गइ होय तो तेनु आयुष्य एक सोने आठ वर्षनु समजवुं. जेना हाथमां आयुष्य रेखामां जमणी तरफ छेदा एल होय तो पाणीथी मरण थाय-डावी तरफ होय तो हथीयारथी मरण पामे. "Aho Shrutgyanam"
SR No.009535
Book TitleHasta Sajjivanama
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMeghvijay
PublisherMohanlalji Jain Granthamala Indore
Publication Year
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size7 MB
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