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________________ ६६ गाथा-७६ आहा...हा... ! ए... निहालभाई ! उसे अभी पुण्य-बन्ध का कारण कहते हैं । अद्भुत बात, भाई ! समझ में आया? भाई! परमेश्वर का पन्थ तो कोई अलौकिक है। स्वयं परमेश्वर है । परम-ईश्वर, जिसमें ईश्वर की अकेली महानता, ईश्वर का पुञ्ज भगवान पड़ा है। आत्मा अर्थात् एक ईश्वर नहीं, समझ में आया? वह ज्ञानगुण से ईश्वर, दर्शनगुण से ईश्वर, चारित्रगुण से ईश्वर अनन्त गुण से ईश्वर, अनन्त गुण का ईश्वर - ऐसा वह विचार करे, कहते हैं। वह विकल्प और भेद है। आहा...हा...! कहो, रतिभाई ! यह पढ़ाई कैसी होगी? तुम्हें तो यह का यही सीखना, हर रोज इसी का पहाड़ा और यह का यही पहाड़ा। हिम्मतभाई! यह का यही न! प्रतिदिन नया क्या होगा? है ? पुस्तकें नयी छपाये, कहते हैं। दो-दो वर्ष में बदलती होगी, नहीं? नहीं भी बदलती, यह तो नहीं बदलती ऐसी बात । एक ही प्रकार का धन्धा और एक ही प्रकार की पुस्तक! भगवान आत्मा अनन्त गुण राशि प्रभु में अन्तर में एकाकार दृष्टि, रुचि और स्थिरता (होना), ऐसी अखण्ड वस्तु की दृष्टि ज्ञान और रमणता... बस! यह का यही मोक्ष का मार्ग है परन्तु इसमें नहीं रह सके तब वह दृष्टि ज्ञान और रमणता होने पर भी ऐसा भेद उठता है। अमुक तो दृष्टि ज्ञान और एकाकार होने पर भी उसे ऐसे विचार आते हैं कि ओहो... ! इसका एक-एक गुण ईश्वर और उसकी पर्याय भी ईश्वरवान - ऐसे अनन्त गुण की ईश्वरवान पर्याय और गुण, उसका वह धारक, उसका वह धारक - ऐसा व्यवहारनय का विकल्प उसे आता है। कहो समझ में आया? अरे... ! परमेश्वर का मार्ग...! परमेश्वर आत्मा स्वयं और परमेश्वर त्रिलोकनाथ ने बताया हुआ पन्थ, वह अलौकिक ही होगा न, भाई! लौकिक के साथ कहीं उसका मेल खाये ऐसा नहीं है. दनिया के साथ परमेश्वर के पन्थ को कहीं मेल नहीं है। ऐसा दुनिया से तो अतड़ो (भिन्न है) अतड़ा को क्या कहते हैं ? भिन्न, अतड़ो अर्थात् दूसरे के साथ मेल नहीं खाये ऐसा । अतड़ो हमारी काठियावाड़ी भाषा है। अतड़ो अर्थात् किसी के साथ मेल नहीं खाये, किसी के साथ मिले नहीं। इसमें कुछ बोला जाये - ऐसा नहीं है। प्रेमचन्दभाई को कहता हूँ। तीन प्रकार से विचार करे। उत्पाद, व्यय और ध्रुव। आहा...हा... ! भगवान आत्मा....
SR No.009482
Book TitleYogsara Pravachan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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