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________________ सांव्यवहारिक अवग्रह की भिन्नता का कारण अर्थावग्रह के छह प्रकार विशेषावश्यक भाष्य में अर्थावग्रह के स्वरूप के सम्बन्ध में प्राप्त मतान्तर और उनका निराकरण व्यंजनावग्रह और अर्थावग्रह के स्वरूप में मतभेद अर्थावग्रह व व्यंजनावग्रह में प्रमुख अन्तर अवग्रह ज्ञान प्रमाण है या नहीं? आगमिक परम्परा • प्रमाणमीमांसीय परम्परा व्यंजनावग्रह प्रमाण नहीं है अर्थावग्रह प्रमाण कैसे ? दर्शन और अवग्रह में भेदाभेद अवग्रह और संशय में अन्तर अवग्रह के पर्यायवाची नाम ईहा का स्वरूप ईहा अज्ञान रूप नहीं है ईहा और संशय में अन्तर • • अनुमान और ईहा ईसा और कह ईहा का प्रामाण्य ईहा के भेद ईहा के पर्यायवाची नाम अवाय का स्वरूप • अवाय के लिए प्रयुक्त शब्द अवाय औपचारिक अर्थावग्रह अवग्रह व अवाय में अन्तर अवाय के सम्बन्ध में मतान्तर अवाय का प्रामाण्य अवाय के भेद अवाय के पर्यायवाची नाम • धारणा का स्वरूप • धारणा की प्राचीनता धारणा के प्रकार स्मृति का प्रामाण्य धारणा के सम्बन्ध में मतान्तर धारणा के सम्बन्ध में प्राप्त मतान्तर का जिनभद्रगणि द्वारा समाधान धारणा के भेद धारणा के पर्यायवाची नाम जातिस्मरणतान भी मतिज्ञान का ही एक रूप (xi) 159 160 160 163 164 165 165 166 167 169 170 171 172 174 175 175 176 176 177 177 177 179 180 180 180 180 181 181 181 183 184 184 185 185 186 187 187 189
SR No.009391
Book TitleVisheshavashyakbhashya ka Maldhari Hemchandrasuri Rachit Bruhadvrutti ke Aalok me Gyanmimansiya Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPavankumar Jain
PublisherJaynarayan Vyas Vishvavidyalay
Publication Year2014
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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