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________________ १९ ५४६ ५४७-५४८ ५४६ ५५० ५५१ २२ ५५३ २९ ५५६-५६१ ५६२ सेनापति नाश विचार राज्यनाश युद्धप्रवेशलग्न स्थायी और यायी राआ का जयपराजय मृत्युयोग आने पर बच जाना प्रश्नकताकशत्रका पराजय सेना का आघात भाई का मरणा, मामा को प्रातक, पुत्रनारा स्त्रीनाश, शरीरघात, मृत्यु द्विनाश এখান মা জালায় युद्ध प्रश्न में धन का लाभ प्रहरष्टिविचार कुला और अकुला तिथियां कुल और भकुल ग्रह कुल और अकुल नक्षत्र यायी और स्थायी का जय तथा परस्पर सन्धि का निर्णय मा गणना से जयनिर्णय प्रश्व, शस्त्र आदि का बल गनाकार चक्र गणचक्र से जय निर्णय गज पक से मृत्यु और भय गजत्याग सेनाभूषण हाथी प्रश्वाकार चक्र भश्वाकार चक्र से जयनिर्णय महायुद्ध में विभ्रम, भंग, हानि अश्वप्रशंसा ५६३ ५६५ ५६६ ५६८-५७० ३५ ५७२ ५७३ ५७४ ५७५-५७६ ४१ ५७६ ५८०-५८२ खापक से ज्यनिर्णय धनुर्वाणषक धनुर्वाणवक से शुभाशुभ
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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