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________________ ३२४ विजय प्राप्त करने पर स्नेहपूर्वक भोजन का योग कैसे मकान में भोजन मिलेगा। भोजनविषयविचार मोजनदिशाविचार रसविचार पत्यप्रशंसा RRER ३२ ३२७ ३२९ ३३०-३१ ३२ ३३३ ३३४ ३३५ o x १0w ३३७ ग्रामपृच्छाप्रकरण नगरी के चारों तरफ पर्वत का योग नगरी में विशाल रुप वप्रयोग बागों से युक्त नगरी का योग कितने गढ़े होंगे? समृद्ध नगरो का योग धर्म स्थानादि से युक्त होने का योग वृत्त, ईटों के पुख, छप्पड़ होने का योग सुन्दर भवन तथा सरकों से युक्त योग सुरक्षित नगरी का योग सवर्ण कलयों से युक्त प्राम योग ११ किसने हाथ ऊँचा किला होगा ! १२ धन शालिनी नगरी का योग १३ अन्य प्रशंसा पुत्रप्रकरण १ पुत्र-पुत्री योगविचार २ का प्रसव होगा पुत्र अथवा पुत्री योग अपत्य जीवित रहेगा या नहीं दिन अथवा रात्रि में जन्मयोग इस वर्ष में सन्तति होगी या नही सन्तानोत्पत्ति का प्रवत योग अवश्य भावी पुत्र योग कितने मास शेष होंगे? ३३६ ३४० ३४१ ३४२ ३४३-३४५ ३४६-३४७ ३४८ ३४४-३५० ३५१-३५२ ३५३-३५४ ३५५-३५६ ३५८
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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