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________________ २६३ २६४ २६५ २६६ ३०० ३०१ १४ साल्यानिषियोग १५ पुण्यशील की निधि का योग कितने पात्रों में निधि है ? पात्र किस धातु से बने हैं किस माग में निधि है। निषिस्थान का निर्माण २० प्रकारान्तर से दशाज्ञान २१ मत्यप्रशंसा चतुर्थभाव में भोजनप्रकरण मंगलाचरण २ पदरसों का सुन्दर भोजन योग अवश्य भोजन प्राप्ति योग । भोजन की प्राप्ति न हो बल्कि शस्त्र से चोट लगे अधिक लवण होने का योग कटु तथा मांम भोजन सरस-गोरस-कलहयुक्त भोजन योग कषाय हया मधु भोजन योग शुभ या शोक स्थान में भोजन योग सुन्दर स्त्रियों द्वारा खट्टे रस भोजन का योग अनादर के साथ दासियों द्वारा भोजन का योग सैनमोजनयोग राजगृह अथवा नीच गृह में भोजन योग मोजन कितनी बार मिलेगा। सम्मानपूर्वक सुन्दर स्त्रियों द्वारा परोसा हुआ भोजन मिले दानरूप में वस्त्रों सहित मोजन प्राप्ति हो सुवर्ण वस्त्रमोजन योग विवाह रेडियो गीत वाचादि होते समय भोजन मिले बहिन या पिता के घर भोजन प्राप्ति का योग पुत्र-पौत्र शत्रु अथवा स्त्री स्नेह से युक्त होटहभादि भोजन का योग स्त्रीयवासजनों के पास भोजन योग ३०२ ३०३ ३०४ ३०५ orm 0x9U ३०७ ३०८ ३०६ ३११ ३१२ ३१४ ३१५ ३१६ ३१७ ३१८ ३१६ ३२०
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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