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________________ मुनितोपणी टीका, प्रतिक्रमणाध्ययनम् - ४ २५५ भाषणम्, (१४) अशनादिकमानीय पूर्व लघोः पुरत आलोचनम्, (१५) एव मेवोपदर्शनम्, (१६) निमन्त्रण च, (१७) रात्निकमपृष्ट्रा स्वेच्छयैवाहारादिकस्यान्येभ्यः प्रदानम्, (१८) गुरणा सहाऽभ्यवहरणे अप्रशस्त विहाय प्रशस्तस्य वस्तुनो भोजनम्, (१९) सति प्रयोजने व्याहरता रानिकेनाऽऽहूतस्यापि तूष्णींभावः, (२०) आसनासीनतयैव रात्निकाय प्रतिवाक्यदानम्, (२१) रात्निकाऽऽहूतेन शिष्येण ' तथेति' इति वक्तव्ये 'किमुच्यते ' न श्रुत पुनरुच्यताम् /इत्यादिपनम् (२२ ) प्रेरयन्त रात्निक प्रति त्वङ्कारशब्दोच्चारणम्, (२३) रत्नाधिकस्य पुरत. प्रयोजनादधिक निरर्थक कठोर वा सभाषणम्, (२४) ग्लाना " रात्रिमे गुरु के पूछने पर जागते हुए भी उत्तर नहीं देना, (१४) आहार आदि लाकर प्रथम घंटे के पास आलोचना करना, (१५) आहारपानी आदि लाकर प्रथम छोटे को दिखाना, (१६) - गुरु को पूछे बिना अपनी इच्छा से अन्य छोटे साधुओं की निमन्त्रणा करना, (१७) गुरु को पूछे बिना ही अपनी इच्छासे अन्य साधुओं को आहार आदि देना, (१८) गुरु के साथ आहार करता हुआ मनोज्ञ २ स्वय खाजाना, (१९) कार्यवश गुरु के बोलाने पर चुप रह जाना, (२०) आसन पर बैठे हुए ही गुरु को उत्तर देना, (२१) गुरु के बुलाने पर 'तहत्ति' न बोल कर 'क्या कहते हैं !" क्या कहना है !' ऐसा बोलना, (२२) गुरुको 'तृ' शब्द घोलना, (२३) गुरु के सामने प्रयोजन से अधिक निरर्थक तथा कठोर बोलना, જાગતા હોવા છતાય ઉત્તર નહિ આપવા, (૧૪) આહાર વગેરે લાવીને પ્રથમ નાનાની પાસે આલેચના કરવી, (૧૫) આહાર-પાણી આદિ લાવીને પ્રથમ નાના હોય તેને દેખાડવા, (૧૬) ગુજ્જીને પૂછ્યા વિના પાત્તાની ઠચ્છાથીજ અન્ય નાના સાધુને નિમ ત્રણુ કરવુ, (૧૭) ગુરુજીને પૂછ્યા વિના પેાતાની ઇચ્છાથીજ અન્ય સાધુઓને આહાર આદિ આપવુ, (૧૮) ગુરુની સાથે આહાર કરતા પેાતાને જે સાર્ લાગે તે પાતેજ ખાઇ જવુ, (૧૯) કાવશ ગુરુજી બાલાવે તે પશુ ચુપ રહી જવુ, (૨૦) આસન ઉપર બેઠા બેઠા ઉત્તર આપવા, (૨૧) ગુરુજી મેાલાવે त्यारे " तहप्ति " नहि उडता "शु अहो हो ? " शु महेवु है ? से प्रभाव वाण आपवो, (२२) गुस्कने 'तू' शण्डथी मासावा, (२३) गुरुनी सामे प्रयो
SR No.009344
Book TitleAavashyak Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages575
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size15 MB
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