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________________ ६९२ . प्रक्षापनास्त्रे गाद्धा विशेषाधिका, प्राणेन्द्रियस्य उत्कृष्टा उपयोगाद्धा विशेषाधिका, जिहूवेन्द्रियस्य उत्कृष्टा उपयोगाद्धा विशेषाधिका, स्पर्सनेन्द्रियस्य उत्कृष्टा उपयोगादा विशेषाधिका, जघन्योत्कृष्टायास् उपयोगाद्धायां सर्वस्तोका चक्षुरिन्द्रयस्य जयन्यिका उपयोगाद्धा, श्रोत्रे. न्द्रियस्य जयन्यिका उपयोगाद्धा विशेषाधिका, प्राणेन्द्रियस्य जघन्यिका उपयोगाद्धा विशेषाधिका, निवेन्द्रियस्य जयन्यिका उपयोगाद्धा विशेषाधिका, स्पर्शनेन्द्रियस्य जवन्यिका उपयोगाद्धा विशेषाधिका, स्पर्शनेन्द्रियस्य जयन्यिकाभ्य उपयोगाद्धाभ्य चतुरिन्द्रिग्रस्य उत्कृष्टा उक्कोसिया उचओगद्धा रिलेसाहिया) श्रोत्रेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगद्धा विशेषाधिक है (घाणिदियस्त उक्कोसिया उबोगद्धाविलसाहिया) प्राणेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगहा विशेषाधिक है (जिभिदियाल उक्कोलिया उपशेगदा विसेसाहिया) जिहवेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगाद्धाविशेषाधिक है (माशिदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विलेलाहिया) स्पर्शनेन्द्रिय का उत्कृष्ट उपयोगद्धा.. विशेषाधिक है (जहण्ण उक्कोलियाए उचोगद्वाए) जघन्योत्कृष्ट उपयोगद्धा. में सव्वत्थोवा चर्विवदियरस जहणिया उबोगद्धा) सबसे कम चक्षुइन्द्रिय का जघन्य उपयोगरा है (सोइंदियरस जहशिया उधोगद्धा विसेलाहिया) श्रोनेन्द्रिय का जघन्य उपयोगद्धा विशेषाधिक है (घाणि दियस्स जहणिया ज्व ओगद्धा विखेसाहिया) प्राणेन्द्रिय का जघन्य उपयोगद्धा विशेषाधिक है । (जिभिदियस्स जहणिया उवयोगद्धा दिलेसाहिया) जिल्वेन्द्रिय का जघन्य उपयोगद्धा विशेषाधिक है (फासिदियरस जहणिया उपओगद्धा विसेसाहिया) स्पर्शनेन्द्रिय का जघन्य उपयोगद्वा' विशेषाधिक है (फासिदियस्स जहणियाउपयोगाद्धामा सवथा साछी रन्द्रियना कृष्ट उपयोगा। छे (सोइंदियन्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया) त्रिन्द्रियना vट पयोद्धा विशेषाधि छ (घाणि दियस्स उक्कोसिया उब ओगरा विसेसाहिया) ऐन्द्रियना Bre B५योगादा विशेषाधि४ छ (जिभिंदियस्स उक्कोसिया उवओगद्धा विसेसाहिया) हिन्द्रयन इष्ट योद्धा विशेषाधि छ (फासि दियस्स उक्कोसिया उबओग । विसेसाहिया) २५शमन्द्रियना स्ष्ट पार्टी વિશેષાધિક છે (जहण्णउकोसियाए. उबोगद्धाए) धन्य.ट पयादामा (सव्वत्योवा चक्विं-' दियस्स नहणिया उबोगद्धा) पाथी माछ। यक्षुन्द्रियना धन्य ७५यादा छे (सोइंदिचस्स जण्णिया उबओगद्धा विसेसाहिया) श्रीन्द्रियना धन्य ९५या विशेषाधि४ छ . (पाणि दियस्स जहणिया उवओगद्वा विसेसाहिया) प्रारीन्द्रियना ४५न्य 64ki ( पाधि छ (जिभिदियस्स जहणिया उबयोगद्धा विसेसाहिया) हिन्द्रियनान्य 6t- . सादा विशेषाधि४ छे (फासि दियस्स जहणिया उवओगद्धा विसेसाहिया) २५शानेन्द्रियना જઘન્ય ઉપયોગાદ્ધા વિશેષાધિક છે
SR No.009340
Book TitlePragnapanasutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1977
Total Pages881
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size64 MB
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