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________________ भोपालिका पुण्णरत्ताए सव्वभासाणुगामिणीए सरस्सईए जोयणणीहारिणा सरेणं अद्धमागहाए भासाए भासइ, अरिहा धम्म परिकहे। तेसि सम्वेसि आरियमणारियाण अगिलाए धम्म आइखइ, सावि य णं अद्धमागहा भासा तेसिं सव्वेसि आरियभिरुपपना रक्ता च गेयरागण माल्कोगार येन युक्ता च तया, 'सन्नभासाणुगामिणीए' सर्वभापानुगामिन्या सर्वभापापरिणमनशील्या, 'सरस्सईए' सरस्व या धाग्या, 'जोय. गणीहारिणा' योजननिहारिणा योजनप्रमाणदूरगामिना 'सरेणं' स्वरेण चनिना, अद्धमागध्या भापया भाषते । 'अरिहा धम्म परिकईई' अर्हन धर्म परिकथयति । 'तेसि सव्वेसि आरियमणारियाण' तपा सर्वेषामायाऽनार्याणाम्-आयाणाम् आर्यदेवोपन्नाम्, अनार्याणाम् अनार्यदेशोत्पन्नाम्, 'अगिलाए' आलायन्ालानिरहितो 'धम्मं धर्म-श्रुतचारित्रलक्षणम् , 'आइरसई' भारयाति कथयति । 'सावि य अद्धमागहा भासा' साऽपि च अर्द्धमागधी भाषा-प्राकृतभाषालक्षणबहुला, 'तेसि सम्वेसिं आरियमणारियाण' तेषा भाषामय, (पुण्णरत्ताए) स्वर एव कलादिकों से उत्पन्न तथा मालकोश नामक गेयराग से युक्त, (सबभासाणुगामिणीए) और सर्वभाषापरिणमनस्वभाववाली ऐसी (सरम्सईए) सरस्वती-वाणो से, जो (जोयणणीहारिणा) एक योजन तक दूर जाने वाले स्वर से युक्त यी और जिसका दूसरा नाम अर्धमागधी भाषा था, (तेसि सम्वेसि आरियमणारियाण अगिलाए धम्म आरक्खद ) उन समस्त आर्यदेशोपन एव अनार्यदेशोत्पन्न मानवों को श्रुतचारित्र रूप धर्म का विना किसी खेद के प्रभु ने उपदेश दिया। (सा वि य ण अद्धमागहा भासा तेसिं सम्वेसिं आरियमणारियाणं अपणो समासाए परिणामेण परिणमइ) प्रभु ने जिस अर्द्धमागधी भाषा द्वारा उन शना स योगवाणी-ससमापामय, (पुष्णरत्ताग) २५२ तम साथी पन्न भासश नाम यथा युत, (सव्यभासाणुगामिणीए) समाषा-परिभानपक्षापाजी की (सरस्सईए) भरपती पालीथी, (जोयणणीहारिणा) मे જન સુધી દૂર જાય તેવા સ્વરથી યુક્ત હતી તથા જેનુ બીજુ નામ અધું भासधा साषा तु, (तेसिं सब्वेसिं आरियमणारियाणं अगिलाए धम्म आइक्खइ) તે સમસ્ત આર્ય-અનાય–દેશપન્ન માનવને શ્રુતચારિત્ર રૂપ ધર્મને કઈ પણ विना अनुम्मे पहेश माल्यो (सा वि य ण अद्धमागहा भासा तेसिं सव्वेसि आरियमणारियाण अप्पणो सभासाए परिणामेण परिणमई) प्रभुये भागधी
SR No.009334
Book TitleAuppatiksutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages868
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size26 MB
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