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________________ प्रमेयश्चन्द्रिका टीका श०१० उ०५ सू०२ चमरेन्द्रादीनामग्रमहिषीनिरूपणम् १५३ अच्छरा ६, नवमिया ७, रोहिणी ८! तत्थणं एगमेगाए देवीए, लोलल, सोलस देवीसहस्सा परिवारो पण्णत्तो। पभूणं एगमेगा देवी, अन्नाइं सोलस देवीसहस्सपरिवारं विउवित्तए, एवामेव सपुवावरेणं अट्ठावीसुत्तरं देविसयसहस्सं परिवारो सेत्तं तुडिए। पभूणं भंते ! सके देविंदे, देवराया, सोहम्मे कप्पे, सोहम्मब.सए विमाणं, सभाए सुहम्माए, सकसि सीहालणंलि, तुडिएणं सद्धिं सेसं जहा चमरस्स, नवरं परिवारो जहा मोउद्देसए। लकस्स णं दोविंदस्ल, देवष्णो सोमस्ल, महारण्णो कइ अग्गमहिलीओ? पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिलीओ पण्णताओ तंजहा-रोहिणी मदणा, चित्ता, सोमा। तत्थणं एगसेगा. लेसं जहा चमरलोगपालाणं नवरं सयंपभे विमाणे, सभाए सुहम्माए, सोमंसि सीहासणंसि, सेसं तं घेव। एवं जाव वेसमणस्त, नबरं विमाणाइं जहा तइयलए। ईसाणतणं अंते। पुच्छा ? अजो। अह अगसहिसीओ, पण्णत्ताओ, तंजहा-कहा, कण्हाराई, रामा, रामरक्खिया, वसू, वसुगुत्ता, वसुमित्ता, वसुंधरा । तत्थ णं एगमेगाए. सेसं जहा सकस्स, ईसाणस्लणं भंते ! देविंदरल, सोमस्ल, महारण्णो कइ अग्गमहिसीओ ? पुच्छा, चत्तारि अगमहिसीओ पण्णत्ताओ तंजहा--पुढवी, रायी रयणी विज्ज । तत्थणं एगमेगाए., सेसं जहा सकस्त लोगपालाणं। एवं पाव वरुणस्स, नवरं विमाणा, जहा चउत्थसए, सेसं तंव जाव णो छेव णं मेहुणवत्तियं । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति, जाव विहरइ ॥सू०२॥ भ० २०
SR No.009319
Book TitleBhagwati Sutra Part 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages770
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size45 MB
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