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________________ सुधा ठोका स्था० उ०३०१९ चतुष्प्रकारकपुरुषजातनिरूपणम् करोतीत्येवंशीलस्तथा भवति यद्वा-- अकल्पनीयत्वसंशयाधिष्ठिते भक्तपानादौ अनपर्थित एव गृहस्थगृह गत्वा पृच्छादिना गगस्य भक्तादिपदार्थस्य शुद्धिं करोतीत्येवंशीलस्तथा भवति, किन्तु नो मानकरी भवति १, तथा - मानकरो नामैको नो गणशोधिकरः २, तथा-एको गणशोविकरोऽपि मानकरोऽपि ३, तथा-एको नो गणशोधिकरो नो मानकरः ४ | " चत्तारि पुरिसजाया " इत्यादि - पुनः पुरुषजातानि चत्वारि प्रज्ञतानि, तथा - एक रूप-माधूनां वेपं जहाति -राजादिकारणेन त्यजति, किन्तु नो धर्म शोध कर होता है, समुचित प्रायश्चित्त दान आदि द्वारा गण की शुद्धि करने का स्वभाव वाला होता है, यहा आहारादि में, अकल्पनीयता की संशीति (संदेह) हो जाने पर बिना कहे सुने ही जो गृहस्थ के घर पर जा कर उसका निर्णय कर के उस गण सम्बन्धी आनीत भक्तादि पदार्थ की शुद्धि करने का स्वभाव वाला होता है, किन्तु - " नो मानकरः मानकर नहीं होता है, मान करने का स्वभाव वाला नहीं होता है, १ कोई एक पुरुष मानकर होता है पर - गण शोध कर नहीं होता है, कोई एक ऐसा होता है जो गण शोधिकर भी होता है और मानकर भी होता है, ३ और कोई एक न तो गणशोधिकर होता है, न मानकर ही होता है, ४ । पुनश्च " सारि पुरिमाया " - इत्यादि पुरुष जान चार कहे गये हैं, जैसे- कोई एक पुरुष राजादि विशेष कारण "} " આદિ દ્વારા ગણુની શુદ્ધિ કરવાના સ્વભાવવાળા હાય છે, અથવા આહારાદિમાં અકલ્પનીયતાના સદેહ ઉત્પન્ન થતાં જ કાઇના કહેવાની રાહ જોયા વિના, ગૃહસ્થને ઘેર જઈને તેના નિર્ણય કરીને, તે ગણુને માટે વહેારી લાવવામાં मावेस भाडारपालीनी शुद्धि उरवाना स्वभाववाणी होय छे, पशु "नो मानकरः ' પણ માનકર હતેા નથી–અહંકાર કરવાના રવભાવવાળા હાતા નથી. (૨) કોઈ પુરુષ માનકર હોય છે પણુ ગણશેાધિકર હાતા નથી, (૩) કેાઈ ગણુશેાધિકર પણ હાય છે અને માનકર પણ હાય 'છે (૪) કેાઈ ગણુશેાધિકર પણ હોતા નથી અને માનકર પણ હાતે! નથી. " चत्तारि पुरिसजाया " पुरुषता नीचे प्रमाणे या प्रकार पडे छे(૧) કાઇ એક સાધુ એવે હાય છે કે જે રાદિના ભયના કારણે વેષને ત્યાગ કરે છે, પણ ચારિત્ર ધર્માંના ત્યાગ કરતા નથી. (૨) કાઈ એક સાધુ
SR No.009309
Book TitleSthanang Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages636
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size36 MB
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