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________________ षट्षट्मनि चिन्तित देव नमो, षट्काल बखानित सेव नमो।। भय सात रहित गुणवन्त नमो, गुणस्थान सात जयवन्त नमो। अष्टध्यान सहित मुनि पाय नमो, मद अष्टरहित गुरु पांय नमो।। नव नयकलित गम्भीर नमो, नव विधिशील पालित वीर नमो। दशलक्षणधर्मप्रकाश नमो, दशधर्मध्यान आवास नमो।।। दशएकपडिम उपदेश नमो, दश दुविध तपस्वी ईश नमो। दह तीन चरण पालित धीर नमो दश चार मल टालित वीर नमो।। दह पञ्च परमाद विरहित नमो दह षट परिभावना भावित नमो। दह सात संयम गुणधरण नमो दह आठ दोष दूरिकरण नमो।। दह आठ सहस्रशीलचरण नमो दह नव समास जीव कहण नमो। दह दहवर मार्गण कथित नमो दह दह एक चतुर्गुण लक्ष्य नमो।। दह दह दु परीषह सहण नमो, दह दह तीन स्थानक कलित नमो। दह दह चतुर्जिनवर पाय नमो दह दह पञ्च भावना भावित नमो। __ एह गुण आदि गुणवन्त नमो, निर्ग्रन्थ मुनि जयवन्त नमो।। गुणधर पतिवर गुरु पाय नमो, मन वचन सफल करूँ काय नमो।। त्रिभुवन जन पूजित चरण नमो त्रिभुवन भवियण उद्धरण नमो। ते तारण तरण भवतरण्ड नमो, करुणारस गुणवन्त नमो।। श्री धर्मशुक्लध्यानधरण नमो, गुणस्थान श्रेण्यारूढ़ नमो। श्री केवलज्ञान उद्योत नमो, श्री मुक्ति रमणी दशएकपडिम उपदेश नमो, दशएकपडिम उपदेश नमो, वर कन्त नमो।। 31
SR No.009254
Book TitleVidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1409
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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