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________________ श्री मुनिसुव्रतनाथ जिन-पूजा (पैठण) (रचयिता - रतन लाल पहाडे) स्थापना विघ्न-हरन मंगल-करन, हो प्रभु दीनानाथ। मुक्ति-रमा के कंत तुम, जय मुनिसुव्रतनाथ।। नृप-सुमित्र के लाल तुम, श्यामा देवी मात। करूं स्थापना त्रिविधि मम, हृदय विराजो नाथ।। ऊँ ह्रीं श्रीअतिशयक्षेत्र-पैठणसि थजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट। (इति आह्वाननम्) ऊँ ह्रीं श्रीअतिशयक्षेत्र-पैठणस्थित-श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः। (स्थापनम्) ऊँ ह्रीं श्रीअतिशयक्षेत्र-पैठणस्थित-श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट्। (सन्निधिकरणम्) प्रभु सम्यक् भाव जगाय, प्रासुक जल लायो। मम जन्म-मरण नश जाय, तुम चरणन आयो। श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो। मन-वच-तन पूनँ आज, संकट दर करो।। ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय जन्मजरामृत्यु-विनाशनाय जलं निर्वपामीति स्वाहा। केशर कपूर मिलाय, चंदन ले आयो। भव-भव का ताप नशय, पूजत सुख पायो।। श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो। मन-वच-तन पूर्जे आज, संकट दूर करो।। ऊँ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय संसारताप-विनाशनाय चंदनं निर्वपामीति स्वाहा। 538
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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