SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 539
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मुक्तासम उज्ज्वल लाय, अक्षत चढ़वायो। अक्षयपद दीजो नाथ, तुम चरणन आयो । श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो । मन-वच-तन पूजूँ आज, संकट दूर करो। ऊँ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय अक्षयपद-प्राप्तये अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा। इस काम महारिपुकाज, बहु दुःख पावत हूँ। थिरता निज में मिल जाय, पुष्प चढ़ावत हूँ।। श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो। मन-वच-तन पूजूँ आज, संकट दूर करो ।। ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथजिनेन्द्राय कामबाण - विध्वंसनाय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा। मन मोहन मोदक आज थाली भर लायो । मम क्षुधारोग मिट जाय, तुम पद चढ़ावायो । श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो । मन-वच-तन पूजूँ आज, संकट दूर करो || ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय क्षुधारोग-विनाशनाय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा। यह दीप रतनमय लाय, धा तुम आगे। मम मोहतिमिर नश जाय, ज्ञान-कला जागे।। श्री मुनिसुव्रत भगवान, भदवधि पार करो। मन-वच-तन पूजूँ आज, संकट दूर करो। ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय मोहान्धकार- विनाशनाय दीपं निर्वपामीति स्वाहा। 539
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy