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________________ सुर संजम-भेद पसारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन हैं। 8 ॥ रस दर्शन लेश्या भव्य जुगं, षट् सम्यक् सैनिय भेद युगं। जंग हार तथा सु अहारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन हैं || 9 || गुनथान-चतुर्दस-मारगना, उपयोग दुवादश-भेद भना। इमि बीस विभेद उचारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन हैं || 10 ॥ इन आदि समस्त बखान कियो, भवि-जीवनि ने उर-धार लियो । कितने शिव-वादिन धारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन हैं । । 11।। फिर आप अघाति विनाश सबै, शिवधाम विषै थित कीन त । कृतकृत्य प्रभू जगतारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन हैं ।। 12 । अब दीनदयाल दया धरिये, मम कर्म - कलंक सबै हरिये । मनको कछु पारन हैं, अरनाथ नमों सुखकारन है ।। 13॥ (घता छन्द) जय श्रीअरदेवं, सुरकृतसेवं, समताभेवं, दातारं अरिकर्मविदारन, शिवसुखकारन, जय जिनवर जग त्रातारं।।14।। ऊँ ह्रीं श्रीअरनाथजिनेन्द्राय जयमाला-पूर्णार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा। (छन्द-आर्या) अरजिनके पदसारं जो पूजै द्रव्य भावसों प्रानी। सो पावै भवपारं, अजरामर - मोक्षथान सुखखानी ।। ॥ इत्याशीर्वादः पुष्पांजलि क्षिपामि ॥ 100
SR No.009243
Book TitleChovis Bhagwan Ki Pujaye Evam Anya Pujaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorZZZ Unknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages798
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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