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________________ ૧૪૯ षड्च्छंद शिक्ष्यशास्त्र ईटलाई पछ प्रासाद मंडप वितान जगती पीठ ਵਿਸ पीठिका नगर जलाशय नृपति छंद बलाणक प्रवेश प्रोली स्तंभ (१) माड (२) मौड (३) शुद्ध (४) शेखर (५) तुंगार ( ६ ) सिंहक (१) तृप्त ( २ ) पट्ट (३) वाजिन (४) पूर्ण (५) खंड (६) पांडू (१) गूढ़ (२) नृत्य (३) चन्द्रालोक (४) भद्रावलोकन (५) स्त्रीक पक्ष, नाभि, सभा, मंदार भिन्न मिश्रक कर्पाजा भ्रमजार भद्रजाउ मध्यजाय पाश्वजा ९ 3 वेदी बन्द, श्रीवत्स, पंकज भद्रज, सुभद्र तारक आदि, अनादि, स्वयंभु बाणा, शक्खाख, वर्धमान बेदाश्रा, वर्तुलख्या र त्रिकोण षडंशका ४ वैदिक अष्ट्रास नगर-पुर-ग्राम- खेट कूट कर्बट वापी - कूप - तड़ाग रथ चक्र यंत्रादि वेदी, सिंहासन, छत्र शय्या कबच आयुध ૧ मेरुच्छंद, खंडमेरु, पताकाच्छंद सूचिछद४ उदिष्ट नष्ट वामन, विमान, हर्म्यशाल, पुष्कर, उत्तुं उत्संग, पूर्याचाहुर होनबाहु, प्रतिकाय ४ उत्तङ्ग मालाधर, विचित्र चित्ररुप मकरध्वज श्राहकांन रुचक विष्णुकांन पश्वश्च२ स्कंदकांत चतुरस्त्र भद्र अष्टाश्च षड्श्च भानुकांत चन्द्रकान्त ईशकान्त रुद्रकांत बारहास द्विवत्र वृत्त ૬ વાસ્તુતિ કે
SR No.008458
Book TitleVastunighantu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherPrabhashankar Oghadbhai Sompura Palitana
Publication Year
Total Pages302
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Art, & Culture
File Size7 MB
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