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________________ अतो अव्यय अओ (अतः) आथी-एथी | अलं (अलम्) सयु, निषेध-तुं अवार। (उपरि) ऊपर बईव । (अतीव) अतीव-विशेष उरि। मतीव अवस्सं (अवश्यम् ) अवश्य-अचूक अकट्ठ (अकृत्वा) नहीं करीने असई ( असकृत् ) अनेकवार अग्गो (अग्रतः) आगळथी अह (अथ) अथ-हवे-प्रारंभ सूचक अग्गे (अग्रे) आधे-आगळ अहत्ता ( अधस्ताद् ) नीचे अज्झत्था (अध्यात्म) आत्माने अहव । (अथवा) अथवा अज्झप्पं लगतुं-अंदरनुं अहवा। अत्थु (अस्तु) थाओ अहुणा ( अधुना ) हमणां अण ( नन् ) निषेध, विपरीत अंतो (अन्तर्) अंदर अणंतरं ( अनन्तरम् ) अंतर आम (आम) हा-स्वीकार विमा, तुरत आहश्च (आहत्य) बलात्कार अफ्णमणं (अन्योऽन्यम् ) । अन्योन्य-एकबीजाने इअ (इति) ए प्रमाणे, समाप्तिसूचक शब्द भणया (अन्यदा) अन्य समये अण्णहा (अन्यथा) तेम नहि ते । अत्थं (अस्तम् ) आथमवू-अदर्शन इओ (इतः) आथी, एथी, वाक्यकों अदुवा। (अथवा) अथवा आरम्भ, आ बाजुभी अदुवा इत्थं (इत्थम् ) ए प्रकारे अद्धा (अद्धा) समय इह (इह) आमां-अहीं अप्पेव (अप्येव) संशय इहरा (इतरथा) एम नहीं-अन्यथा अभिक्खणं (अभिक्षणम्) ईसि (ईषत् ) ईषत्-थोडंक्षणेक्षणे-वारंवार ईसि शारा मात्र अभितो (अभितः) चारे बाजु उत्तरसुवे ( उत्तरश्वः) आवती अम्मो आश्चर्य काल पछी त्ति ति इति
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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