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________________ २२९ पणसत्तरि । (पञ्चसप्तति) पंचोतेर | सत्त (सप्तन्) सात पणहत्तरि। सत्तचत्तालिसा (सप्तचत्वापण्णासा) सगयाला रिशत् ) पण्णास (पञ्चाशत् ) पचास सूडतालीश पश्चासा) सत्तणवह ) (सप्तनवति) सत्ता' पयुअ (प्रयुत) दश लाख सत्ताणव पयुत । सत्ततीसा ( सप्तत्रिंशत् ) पंच (पञ्च) पांच साडत्रीश बत्तीसा ( द्वात्रिंशत् ) षत्रीश सत्तरस। (सप्तदश) सत्तर बाणवह (द्विनवति) बाणुं सत्तरह बावीसा (द्वाविंशति) बावीश सत्तरि । (सप्तति) सीतेर बासट्टि (द्विषष्टि) बासठ हत्तरि बासीइ (द्वयशीति) बाशी सत्तसट्टि (सप्तषष्टि) सडसठ बिसत्तरि) सत्तसत्तरि (सप्तसप्तति) बासत्तरि । (द्विसप्तति) बोंतेर सत्तहत्तरि सत्योतेर बिहत्तरि सत्तावन्ना । (सप्तपश्चाशत् ) बावत्तरि सत्तपण्णासा सत्तावन बेचत्तालिसा) (द्विचत्वारिंशत् ) सत्तावीसा (सप्तविंशति) सत्यावीश बेमाला __बेताळीश दुचत्तालिसा) सत्तासीह (सप्ताशीति) सत्याशी बे सयाई (द्वे शते) बसो सय (शत) सो लक्ख (लक्ष) लाख सहस्स (सहस्र) हजार वीसा (विंशति) वीश सोलस । (षट्+दश-षोडश) सट्टि (पष्टि) साठ सोलह सोळ
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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