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________________ सामान्य शब्दो [नरजाति] मग्ग (मार्ग) मार्ग-माग मार (मार) मारनारो-तृष्णा सिमिण (स्वप्न) स्वप्न-सपर्नुदुस्सीस। (दुश्शिष्य) दुष्ट शिष्य सुविण सो) दुस्सिस्सा विद्यार्थी सिविण) ववहारिअ (व्यवहारिक) वहेवारी गणहर। (गणधर) गणने धारण गणधर करनार-समूहनी वेपारी थेर (स्थविर) स्थिर बुद्धिवाळो व्यवस्था करनार-आचाय पाकट वयोवृद्ध संत अणागम। (अन्+आगम) न गग्ग (गार्ग्य) गर्गनो पुत्र-ते। अनागम आवq ते-अनागमन नामनो एक ऋषि । कण्ण (कर्ण) कान, कानो वेवाहिम (वैवाहिक) वेवाई विराग (विराग) रागथी विरुद्ध भाव ववहार (व्यवहार) व्यवहार-वेव्हार -वैराग्य __-वेपार विप्परियास (विपर्यास) विपर्यास विपरीतता-भ्रांति आर (कांस्यकार) कंसारो सढ (शठ) शठ-लुच्चो लेहसालिअ (लेखशालिक) निशा- अकम्म ( अकर्मन् ) कर्मरहितळिओ-निशाळे भणवा जनार निर्मळ-पवित्र सामान्य शब्दो (नान्यतरजाति) रुव (रूप) रूप-वस्तु-पदार्थ जुम्म । (युग्म) युग्म-जोडं-जोडी कम्म ( कर्मन् ) कर्म-पुण्यपापनी जुग्ग .-जुमलो प्रवृत्ति छणपय। (क्षणपद) हिंसा छणपअS कुंपल (कुड्मल) कुंपळ-फणगो हिंसानु स्थान मरण (मरण) मरण-मोत जाण (यान) यान-वाहन धम्मजाण (धर्मयान) धर्मरूप वाहन मच्चुमुह (मृत्युमुख) मृत्यनुं मुख -धर्मनुं वाहन, धर्मस्थान मोतनु मोटु ऊपर ला जवानुं वाहन
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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