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________________ अमु ( अदस् ) आ [ नान्यतरजाति ] . १ अह (अदः) अमूई ) अमर (अमुनि) ममूणि, २, , बाकी बधां ' अमु 'नी प्रमाणे अमुं इकारांत अने उकारांत शब्दो [ नरजाति ] सारहि (सारथि) सारथि-रय समत्तदसि (सम्यक्त्वदर्शिन् ) हांकनारो | सत्यने जोनार-समझनारवरदसि (वरदर्शिन् ) उत्तम रीते आचरनार जोनार | पसु (पशु) पशु भाराभिसंकि (माराभिशङ्किन् ) विहु (विधु) विधु-चंद्र ___ मार-तृष्णा-भी शंकित रहेनार जंतु (जन्तु) जंतु-प्राणी-जीवजंत दूर रहेनार-तृष्णाथी डरनारो वाहि (व्याधि) व्याधि-रोग जोगि ( योगिन् ) योगी-जोगी महासहि (महाश्रद्धिन् ) मोटी- केसरि (केसरिन् ) केसरावाळो अचल-श्रद्धावाळो याळवाळो-सिंह-केसरीसिंह तवस्सि ( तपस्विन्) तपस्वी मंति (मन्त्रिन् ) मंत्री-कारभारी उवाहि (उपाधि) उपाधि-प्रपंच चकवट्टि (चक्रवर्तिन् ) चक फेर पवासि (प्रकासिन् ) प्रवास करनार बनार-चक्रवर्ती राजा पहु (प्रभु) प्रभु-प्रभावशाळी समर्थ वसु (वसु) वसु-धन, पवित्र मनुष्य वंतु (सन्तु) तांतणो संभु (शम्भु) शंभु-सुखनु स्थान' महातवस्ति (महातपस्विन्) मोटो तपस्वी । शंकु (शक्कु) शंकु-खीलो
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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