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________________ खण्ड ] :: मंत्री भ्राताओं का गौरवशाली गूर्जर-मंत्री-वंश और अर्बुदाचलतीर्थार्थ उनकी यात्रायें तथा श्रे० पाल्हण :: [ER ..श्रे० गोलण के वीरदेव, विजयसिंह, कुमरसिंह, पद्मसिंह और रत्नसिंह नामक पांच पुत्र हुए । श्रे. विजयसिंह के अरसिंह नामक पुत्र था। गोलण के लघभ्राता जगसिंह के सोमा नामक पत्र था। श्रे. जसधर के पत्र प्रासपाल, श्रे० गोलण के सर्व पुत्र, श्रे० जगसिंह के पुत्र सोमा, आसपाल के पुत्र सिरपाल, श्रे० विजयसिंह के पुत्र अरिसिंह, श्रे० श्रीधर के पुत्र अभयसिंह और श्रे० गोलण तथा समुद्धर ने मिलकर नवांगवृत्तिकार श्री अभयदेवमूरिसंतानीय श्रीमद् धर्मघोषसूरि के करकमलों से वि० सं० १२६३ वैशाख शु. १५ शनिवार को श्री अर्बुदाचलतीर्थस्थ श्री लुणवसतिकाख्य श्री नेमिनाथचैत्यालय में श्री शांतिनाथबिंब तथा पंचकल्याण-पट्ट प्रतिष्ठित करवाये ।* वीरचन्द्र [श्रियादेवी] साढ़देव [माऊ] छाहड़ [थिरदेवी] प्रासल जेलण जयतल जसपर पांघस गोलण जगसिंह पाल्हण समुद्धर सोमा वीरदेव विजयसिंह कुमरसिंह पनसिंह रत्नसिंह देवधर मयधर श्रीधर अभयसिंह श्रे० पाल्हण वि० सं० १२६३ विक्रम की तेरहवीं शताब्दी में चन्द्रावती में प्राग्वाटज्ञातीय वीशल श्रेष्ठि हुआ है। उसके शांतू (शांतिदेवी) नामा स्त्री थी । श्री. शांतू के मुणिचन्द्र, श्रीकुमार, सातकुमार और पाल्हण नामक चार पुत्र हुये। *० प्रा० ० ले०सं० भा०२ ले०२८७-८पृ०१२०॥
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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