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________________ कविवर द्यानतराय के साहित्य में प्रतिबिम्बित अध्यात्म चेतना 19 इस प्रकार की चिन्तनधारा ही भक्त को जिनदर्शन से निजदर्शन कराती है-यही आत्मदर्शन होने की प्रक्रिया है, पूजन की सार्थक प्रक्रिया है। यद्यपि पूजा स्वयं में एक रागात्मक वृत्ति है, तथापि वीतराग देव की पूजा करते समय पूजक का लक्ष्य यदा-कदा अपने वीतराग स्वभाव की ओर भी झुकता है। बस, यही पूजा की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है। - पूजा में शुभराग की मुख्यता रहने से पूजक अशुभरागरूप तीव्रकषायादि पाप परिणति से बचा रहता है तथा वीतरागी परमात्मा की उपासना से सांसारिक विषय वासना के संस्कार भी क्रमशः क्षीण होते जाते हैं और स्वभाव-सन्मुखता की रुचि से आत्मबल में भी वृद्धि होती है; क्योंकि रुचि अनुयायी वीर्य स्फुरित होता है। अन्ततोगत्वा पूजा के रागभाव का भी अभाव करके पूजक वीतराग सर्वज्ञ पद प्राप्त कर स्वयं पूज्य हो जाता है। इसी अपेक्षा से जिनवाणी में पूजा को परम्परा से मुक्ति का कारण कहा गया है।13 निश्चय पूजा निश्चय से तो पूज्य-पूजक में कोई भेद ही दिखाई नहीं देता। अतः इस दृष्टि से तो पूजा का व्यवहार ही सम्भव नहीं। निश्चयपूजा के संबंध में आचार्यों ने विभिन्न मन्तव्य प्रगट किये हैं। आचार्य योगीन्दुदेव लिखते हैं - . मणु णमिलिययु परमेसरहं परमेसररु वि मणस्स। .. बीहि वि समरसि हुबाहँ पूज्ज चढ़ावहु कस्स ।।14 विकल्परूप मन भगवान आत्मा से मिल गया, तन्मय हो गया और परमेश्वर स्वरूप भगवान आत्मा भी मन से मिल गया। जब दोनों ही समरस हो गये तो अब कौन किसकी पूजा करे? अर्थात् निश्चयदृष्टि से देखने पर पूज्य-पूजक का भेद ही दिखायी नहीं देता तो किसको अर्घ्य चढ़ाया जाये? इसी तरह आचार्य पूज्यपाद लिखते हैं - यः परात्मा स एवाऽहं योऽहं स परमस्ततः । अहमेव मयोपास्यो नान्यः कश्चिदिति स्थितिः ।।15 स्वभाव से जो परमात्मा हैं, वही मैं हूँ तथा जो स्वानुभवगम्य मैं हूँ, वही परमात्मा है; इसलिए मैं ही मेरे द्वारा उपास्य हूँ, दूसरा कोई अन्य नहीं। इसी बात को कुन्दकुन्दाचार्य ने अभेदनय से इसप्रकार कहा है - अरुहा सिद्धायरिया उज्झाया साहु पंच परमेट्ठी। ते वि हु चिट्ठहि आदे तम्हा आदा हु मे सरणं ।।16
SR No.007148
Book TitleAdhyatma Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNitesh Shah
PublisherKundkund Kahan Tirth Suraksha Trust
Publication Year2012
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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