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________________ उठो नेमीश्वर राज कर लो जिमणियां, लाडू तो पेड़ा ओ राज सरस जलेबियां ॥ उठो नेमीश्वर राज करलो मूचणियां, कांई लूंग सुपारी ओ राज डोडा एलची ॥ उठो नेमीश्वर राज करलो दोपहरी, कच्चा तो खोपरा ओ राज, गुंजा मिश्री का ।। उठो नेमीश्वर राज, करलो ब्यालूडो, कांई पतला तो फलकाओ राज, दालज उड़दां की। उठो नेमीश्वर राज, करलो पोढ़णियां, कांई हिंगल तो डोल्या ओ राज सेजां सावटो ।। उठो नेमीश्वर राज, करलो सिनगारो, कांई केसरिया जामो ओ राज कसुमल पेचो है । उठो नेमीश्वर राज, करलो तिलकिया, कांई काजल कुंकुंओ राज चोखा चांवलिया ।। उठो नेमीश्वर राज परण पधारजो, कांई परण पधारो ओ राज, उग्रसेनजी री पोल ॥ करुणा दिल आणी ओ राज, पाछा फिर गया, संजम लीना ओ राज, राजुल ने त्यागिया ॥
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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