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________________ ।। वीरा ॥ (तर्ज : में थाने पूछं माहरा वीरा विनजारा) मैं थाने पूर्वी माहरा वीराओ व्यापारी तो, वीरा ओ व्यापारी तो। किसा रे मारग होय आवियाजी ॥१॥ जहाज में नहीं आया ये बाई, एरोप्लेन में नहीं आया तो, रेल-मोटर मांही आवियाजी ॥२॥ चोटियो तो रुद्यो माहरो, वीरा ओव्यापारी तो २, ___सेरियां वीरा री मोटरांजी ॥३॥ पोलिया तो रुंदी साहरी भावज ओ चूडावाली २, कंवर भतीजा गोखामेजी ॥४। रसोइयां तो रुंदी माहरी बहन जूड़ावाली २, ___कंवर भाणेजा पालणेजी ॥५॥ उजला-उजला कपड़ा थे, पेहरो जामण जाया तो २, ___ लोग जाने ओ वीरा ऊजलोजी ॥६॥ डोरा ओ कंठी थे, पेहरो जामण जाया तो २, लोग जाने ओ वीरा लखपतिजी ॥७॥ लचपच लापसडी, ललोल जामण जायी तो २, लोग जाणे ओ वीरा रसभरयोजी ॥८॥ पान सुपारो थे, चाबो जामण जाया तो २, लोग जाने ओ वीरा रंग भरयोजी ॥९॥
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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