SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 262
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 196... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... भूत-प्रेत को निकालने हेतु मंत्र साधना करना 30. वाद-विवाद करना 31. अपने घर एवं व्यापार के हिसाब लिखना 32. टैक्स अथवा मांग का बँटवारा करना 33. अपना धन मन्दिर में रखना 34. पाँव पर पाँव चढ़ाकर बैठना 35. गोबर के कंडे (छाणे) थापना 36. कपड़े सुखाना 37. सब्जी आदि उगाना या मूंग-मोठ आदि सुखाना 38. पापड़ सुखाना 39. मन्दिर की छत पर बड़ी, पापड आदि सुखाना 40. राजा आदि के भय से मन्दिर में छुपना 41. रिश्तेदार, स्वजन आदि की मृत्यु के समाचार सुनकर रोना 42. विकथा करना 43. अस्त्र-शस्त्र बनवाना 44. गाय-भैंस आदि रखना 45. आग में तपना 46. निजी कार्य के लिए मन्दिर की जगह रोकना 47. पैसे परखना 48. 'निसीहि' कहे बिना अविधिपूर्वक मन्दिर में प्रवेश करना 49-51. छत्र, खड़ाउ, शस्त्र, चामर आदि मन्दिर में लेकर जाना 52. मन को एकाग्र करने का प्रयास नहीं करना 53. शरीर पर तैल आदि विलेपन लगाना 54. फूल आदि सचित्त वस्तुओं को धारण कर मन्दिर में जाना अर्थात मन्दिर के बाहर उनका त्याग नहीं करना 55. हर रोज पहनने के स्वर्ण आदि के आभूषण पहनकर नहीं जाना अर्थात शोभा विहीन होकर मन्दिर जाना 56. परमात्मा के दर्शन होते ही अंजलिबद्ध नमस्कार नहीं करना 57. उत्तरासंग को धारण नहीं करना 58. मस्तक पर मुकुट आदि पहनकर आना 59. सिर पर पगड़ी, साफा आदि बांधना 60. शरीर विभूषा करने हेतु पुष्पहार, माला आदि धारण करना 61. शर्त लगाना 62. लोग हँसें ऐसी चेष्टा करना 63. अतिथि आदि को प्रणाम करना 64. गुल्ली डंडा खेलना 65. तिरस्कार युक्त वचन बोलना 66. लेनदार आदि को मन्दिर में पकड़कर उनसे पैसा मांगना 67. युद्ध क्रीड़ा करना 68. चोटी आदि करके केशों को वहीं डालना 69. पालथी लगाकर बैठना 70. पैर में लकड़ी के चप्पल पहनना 71. पैर लंबे करके या फैलाकर बैठना 72. पैरों की मालिश करना 73. हाथ-पाँव धोने के लिए ज्यादा पानी गिराकर गंदगी करना 74. पैर, वस्त्र आदि में लगी हुई धूल झाड़ना 75. मैथुन क्रीड़ा करना 76. जूं, खटमल आदि निकालकर मन्दिर परिसर में डालना 77. मन्दिर परिसर में भोजन करना 78. शरीर के गुप्त अंगों को ठीक से नहीं ढंकना 79. डाक्टर वैद्य आदि से दवाई लेना, इलाज करवाना 80. व्यापार या लेनदेन करना 81. बिछौना बिछाना 82. पानी पीना अथवा मन्दिर का पानी उपयोग में लेना 83. देवी-देवताओं की स्थापना करना और 84. मन्दिर में रहना।
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy