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________________ 134... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... दीपक को ज्ञान का प्रतीक माना है। यह विशुद्ध ज्ञान को प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। जलते हुए घी या तेल की भाँति यह नकारात्मक विचारों एवं वासनाओं को जलाकर हृदय को शुद्ध बनाता है तथा बाती के समान अहंकार को न्यून कर विनम्रता के साथ अन्य लोगों की सेवा का संदेश देता है। दीपक के ऊपर की तरफ जलती हुई लौ आध्यात्मिक जीवन में प्रगति और स्थिरता का प्रतीक है। अक्षतपूजा का लाक्षणिक स्वरूप अक्षय सुख की प्राप्ति हेतु परमात्मा के आगे अखंड चावलों द्वारा स्वस्तिक, सिद्धशिला, अष्टमंगल आदि बनाना अक्षत पूजा कहलाता है।11 अष्टप्रकारी पूजा में अक्षतपूजा का छठवां एवं अग्रपूजा में तीसरा स्थान है। अक्षत को एक मांगलिक धान्य के रूप में शुभ कार्यों हेतु प्रयुक्त किया जाता है। प्रश्न उपस्थित हो सकता है कि परमात्मा के समक्ष चावल ही क्यों चढ़ाना? गेहूँ, मूंग, चना आदि क्यों नहीं चढ़ा सकते? ___ अक्षत पूजा करने के हेतु का उल्लेख करते हुए जैनाचार्य कहते हैं कि जिस प्रकार छिलके से निकला हुआ चावल वापस कभी नहीं उगता वैसे ही हमारी आत्मा के ऊपर से भी कर्म रूपी छिलका हट जाने पर वह अपने जन्ममरण रहित मूल स्वरूप को प्राप्त कर सकती है। यदि सूक्ष्मता पूर्वक चिंतन करें तो नवपद ओलीजी में चावल, गेहूँ, मूंग, चना एवं उड़द ये पाँचों धान्य परमात्मा के समक्ष चढ़ाए जाते हैं। परन्तु दैनिक क्रिया में अक्षत का ही प्रचलन होने से अक्षत चढ़ाना ही जीत व्यवहार है। अन्य सभी धान्यों की अपेक्षा चावल सहज रूप से हर क्षेत्र में उपलब्ध हो जाता है। नंद्यावर्त्त, विविध गहुँली आदि चावलों से बनाना अधिक सुगम होता है। ___ चावल का रंग श्वेत होता है और अरिहंत परमात्मा का वर्ण भी श्वेत है उनके हृदयस्थित करुणा, वात्सल्य आदि के गुणों के कारण उनका रक्त भी दूध के समान श्वेत बन जाता है। अत: श्वेत परमात्मा की श्वेत अक्षतों के द्वारा पूजा की जाती है। __अक्षत अचित्त अर्थात जीव रहित होता है। इसे अखंडता, उज्ज्वलता एवं शुद्धता का प्रतीक भी माना गया है अत: अक्षत द्वारा ही परमात्मा की पूजा की जाती है।
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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