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________________ वर्षावास सम्बन्धी विधि-नियम...295 श्वेताम्बर परम्परा में पंचमी से पहले सात दिन जोड़े गए हैं और दिगम्बर परम्परा में नौ दिन उसके बाद जोड़े गए हैं। मूल दिन (पंचमी) में कोई अन्तर नहीं है। संवत्सरी के सम्बन्ध में मुख्य समस्याएँ चार हैं 1. दो श्रावण मास 2. दो भाद्रपद मास 3. चतुर्थी और पंचमी 4. उदिया तिथि-घड़िया तिथि। जैन ज्योतिष के अनुसार वर्षाऋतु में अधिक मास नहीं होते। इस दृष्टि से दो श्रावण मास और दो भाद्रपद मास की समस्या ही पैदा नहीं होती। लौकिक ज्योतिष के अनुसार वर्षाऋतु में अधिक मास हो सकते हैं। दो श्रावण मास या दो भाद्रपद मास होने पर पर्वापराधन की विधि इस प्रकार है-कृष्ण पक्ष के पर्व की आराधना प्रथम मास के कृष्ण पक्ष में और शुक्ल पक्ष के पर्व की आराधना अधिक मास के शुक्ल पक्ष में करनी चाहिए। इसके अन्तर्गत भी जैन सम्प्रदायों में कुछ सम्प्रदाय दो श्रावण होने पर दूसरे श्रावण में पर्युषणा की आराधना करते हैं। भाद्र मास दो हों तो प्रथम भाद्रपद में पर्युषणा की आराधना करते हैं। उनकी मान्यता यह है कि संवत्सरी की आराधना पचासवें दिन करनी चाहिए। इस तर्क में सिद्धान्त का एक पहलू ठीक है किन्तु दूसरा पहलू 70 दिन शेष रहने चाहिए, विघटित हो जाता है। जो पचासवें दिन को प्रमाण मानकर संवत्सरी करते हैं, उनके मत में 70 दिनों का प्रमाण भी रहना चाहिए। इसी प्रकार 70 दिन प्रमाण मानकर संवत्सरी की जाए तो दो श्रावण होने पर भाद्रपद में और दो भाद्रपद होने पर दूसरे भाद्रपद में संवत्सरी करने की स्थिति में, संवत्सरी से पहले 50 दिन की व्यवस्था विखण्डित हो जाती है। वर्षावास में स्थापना किसकी? जैसा कि पूर्व में कह आये हैं कि वर्षावास योग्य क्षेत्र की प्राप्ति होने पर नियत तिथि के दिन वर्षावास सम्बन्धी सामाचारी की स्थापना की जाती है, क्योंकि स्थापना दिन के बाद से ही वर्षाकल्पिक नियम लाग होते हैं। यहाँ द्रव्य आदि के विधि-निषेध की स्थापना की जाती है वर्षावास में किसी को दीक्षा नहीं देना सचित्त द्रव्य स्थापना है। वस्त्र आदि ग्रहण नहीं करना अचित्त द्रव्य स्थापना है। भिक्षा हेतु पाँच कोश तक ही आना
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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