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________________ उपस्थापना (पंचमहाव्रत आरोपण) विधि का रहस्यमयी अन्वेषण... 211 आचारचूला समवायांग प्रश्नव्याकरण 1. अहिंसा महाव्रत की भावनाएँ 1. ईर्यासमिति ईर्यासमिति ईर्यासमिति 2. मनपरिज्ञा मनोगुप्ति अपापमन (मन समिति) 3. वचनपरिज्ञा वचनगुप्ति अपापवचन (वचन समिति) 4. आदानभाण्डमात्रनिक्षेपणा आलोकित पान एषणासमिति समिति -भोजन 5. आलोकित पान-भोजन । आदानभाण्ड आदाननिक्षेपसमिति अमत्रनिक्षेपणा समिति 2. सत्यमहाव्रत की भावनाएँ 1. अनुवीचि भाषण अनुवीचि भाषण अनुवीचि भाषण 2. क्रोधपरिज्ञा क्रोधविवेक क्रोधप्रत्याख्यान 3. लोभपरिज्ञा लोभविवेक लोभप्रत्याख्यान 4. भयपरिज्ञा भयविवेक भयप्रत्याख्यान 5. हास्यपरिज्ञा हास्यविवेक हास्यप्रत्याख्यान 3. अचौर्य महाव्रत की भावनाएँ 1. अनुवीचिमितावग्रहयाचन अवग्रहानुज्ञापना विविक्त-वास-वसति 2. अनुज्ञापित पान-भोजन अवग्रहसीमाज्ञान अभीक्ष्ण-अवग्रहयाचन 3. अवग्रह का अवधारण स्वयमेव अवग्रह- शय्यासमिति अनुग्रहण 4. अभीक्ष्ण अवग्रहयाचन साधर्मिकों द्वारा साधारण पिण्डपात्रलाभ याचित अवग्रह का उनकी अनुज्ञा से परिभोग
SR No.006241
Book TitleJain Muni Ke Vrataropan Ki Traikalik Upayogita Navyayug ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages344
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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