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________________ (क) पंचमी बहुवचन 5/2 (ख) षष्ठी बहुवचन 6/2 19. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग तुम्ह सर्वनाम के पंचमी विभक्ति बहुवचन तथा षष्ठी विभक्ति बहुवचन में तुम्हहं' होता है। पंचमी बहुवचन 5/2 (क) तुम्ह (तुम) (तीनों लिंग) - तुम्हहं (पंचमी बहुवचन) . षष्ठी बहुवचन 6/2 (ख) तुम्ह (तुम) (तीनों लिंग) - तुम्हहं (षष्ठी बहुवचन) ___सप्तमी बहुवचन 7/2 20. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग तुम्ह सर्वनाम के सप्तमी विभक्ति बहुवचन में 'तुम्हासु' होता है। तुम्ह (तुम) (तीनों लिंग) - तुम्हासु (सप्तमी बहुवचन) -------------------------------------- म पुरुषवाचक सर्वनाम अम्ह (मैं) (तीनों लिंगों में) प्रथमा एकवचन 1/1 21. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम ___ के प्रथमा विभक्ति एकवचन में 'हउं' होता है। . . · अम्ह (मैं) (तीनों लिंग) - हउं (प्रथमा एकवचन) - - - - - - - - - - (क) प्रथमा बहुवचन 1/2 (ख) द्वितीया बहुवचन 2/2 22. अपभ्रंश भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग और स्त्रीलिंग अम्ह सर्वनाम - के प्रथमा विभक्ति बहुवचन तथा द्वितीया विभक्ति बहुवचन में 'अम्हे' और 'अम्हई होते हैं। अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण (35) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004214
Book TitleApbhramsa Hindi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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