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________________ अकारान्त सर्वनाम (नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 | (ख) सव्व (सब) (नपुं.) (सव्व+हां) = सव्वहां (पंचमी एकवचन) इयर (दूसरा) (नपुं.) (इयर+हां) = इयरहां (पंचमी एकवचन) अन्न (दूसरा) (नपुं.) (अन्न+हां) = अन्नहां (पंचमी एकवचन) पुव्व (पहला) (नपुं.) (पुव्व+हां) = पुव्वहां (पंचमी एकवचन) स (अपना) (नपुं.) (स+हां) = सहां (पंचमी एकवचन) त (वह)(नपुं.) (त+हां) = तहां (पंचमी एकवचन) ज (जो) (नपुं.) (ज+हां) = जहां (पंचमी एकवचन) क (कौन,क्या) (नपुं.) (क+हां) = कहां (पंचमी एकवचन) एक्क (एक) (नपुं.) (एक्क+हां)= एक्कहां (पंचमी एकवचन) ------------------- 2. अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 अपभ्रंश भाषा में अकारान्त पुल्लिंग और नपुंसकलिंग क सर्वनाम के पंचमी विभक्ति एकवचन में इहे' प्रत्यय विकल्प से जोड़ा जाता है। जैसे अकारान्त सर्वनाम (पु.) पंचमी एकवचन 5/1 (क) क (पु.) (क+इहे) = किहे (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - कहां, काहां (पंचमी एकवचन) अकारान्त सर्वनाम (नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 (ख) क (नपुं.) (क+इहे) = किहे (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - कहां, काहां (पंचमी एकवचन) (24) अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004214
Book TitleApbhramsa Hindi Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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